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मन की अवधारणा
भाषा की दूरी भी नहीं है ।
हमारे समूचे व्यक्तित्व के पीछे व्यक्तित्व में घटित होने वाली घटनाओं के पीछे जो रहस्यमय सत्ता छिपी हुई है, वह है सूक्ष्म शरीर या कर्मशरीर की सत्ता या सूक्ष्म शरीरीय चेतना की सत्ता । इसे हम परामानसिक सत्ता कहते हैं । इस तक पहुंचे बिना किसी भी कार्य या घटना की व्याख्या नहीं की जा सकती ।
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