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चित्त और मन
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योग्यता की परख उसके आभामंडल के आधार पर करते थे । उसकी लेश्या और भावमंडल को देखकर उसे जान लेते थे। जैसा भावमंडल वैसा आभामंडल | आभामंडल बता देगा कि इस व्यक्ति का भावमंडल कैसा है और भावमंडल यह बता देगा कि व्यक्ति कैसा है। वहां कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता । आज की दुनिया में ऐसे वैज्ञानिक उपकरण प्राप्त हैं, जिनके द्वारा व्यक्ति के अन्तर्मन को देखा जाता है । अपराधों की जांच की जाती है । अपराधों की खोज करने वाली शाखाएं इस प्रकार के उपकरणों का उपयोग करती हैं। मशीनें बता देती हैं कि अमुक ने चोरी की या नहीं की । अमुक -झूठ बोल रहा है या सच ? व्यक्ति को पूछने की जरूरत नहीं। मशीन के सामने बिठा दिया जाता है। यंत्र की सूई घूमती है । ग्राफ उतरता है । पता लग जाता है— अपराध का और अपराधी का । इसमें भी धोखा हो सकता है क्योंकि व्यक्ति के सामने जब यह वातावरण होता है तब उसके मन की भी क्रियाएं बदल जाती हैं । इसमें धोखे की संभावना है किन्तु आभामंडल में धोखा होने की कोई संभावना नहीं है ।
आज के वैज्ञानिकों ने अनेक गवेषणाओं के बाद यह घोषणा कीशरीर में जो रोग होगा, उसकी पूर्व सूचना तीन महीने पहले मिल जाएगी । तीन महीने पहले वह रोग आभामंडल में उतर आएगा । फिर धीरे-धीरे वह स्थूल शरीर तक पहुंचेगा । उसको वहां अभिव्यक्त होने में तीन महीने लग जाएंगे। तीन महीने पहले जब यह ज्ञात हो जाएगा कि अमुक रोग उभरने वाला है तब व्यक्ति उसकी पूर्व-चिकित्सा करा लेगा, जिससे कि वह रोग उभरे ही नहीं । अनेक महीनों पूर्व यह घोषणा की जा सकती है कि यह व्यक्ति अमुक दिन मरेगा, क्योंकि आभामंडल पर मृत्यु पहले ही उतरने लग जाती है । देवताओं का आभामंडल मृत्यु से छह माह पूर्व क्षीण होने लग जाता है । उन्हें सूचना मिल जाती है कि छह मास बाद उन्हें देवजन्म को छोड़कर अन्यत्र जाना होगा, दूसरा जन्म लेना होगा। उनकी मृत्यु को जानने का सशक्त माध्यम है आभामंडल ।
हमारे सूक्ष्म जगत् में घटित होने वाले सारे निर्देशों का संवाहक आभामंडल है । अध्यवसाय में, कर्म शरीर में घटित होने वाली घटनाएं, जो सूक्ष्म-स्पन्दन के रूप में घटित हो रही हैं, उनको भाव जगत् में उतारने वाला है आभामंडल | भाव-जगत् में जो घटनाएं उतरती हैं, उनके सारे निर्देश आभामंडल में पहुंचते हैं । इन सारे संदर्भों में कहा जा सकता है— आभामंडल को समझे बिना, उसे विशुद्ध बनाए बिना श्रेष्ठ व्यक्तित्व के निर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती ।
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