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करता है और एक आदमी बहुत मंद करता है । एक आदमी सोचता हैजो हो गया, वह हो गया, बस बात को टाल देता है । किन्तु कुछ लोग ऐसे होते हैं कि थोड़ा-सा कुछ हो जाने पर ही उलझ जाते हैं । न सुख की रोटी खा पाते हैं और न चैन की नींद ले पाते हैं । सारे दिन तनाव में जीते हैं। एक व्यक्ति को पता चला- इन्कमटैक्स के अधिकारी आए हैं, तत्काल हार्टफेल हो गया । यह कहानी नहीं, घटना है । ऐसा क्यों हुआ? अभी तो कुछ बात भी नहीं हुई, कुछ लिया दिया भी नहीं । संवेदन तीव्र हो गया और मृत्यु हो गई । भय से मृत्यु होती है और आघात से भी मृत्यु हो जाती है | कोई घटना नहीं घटी, अकस्मात् मृत्यु हो गई। इसका एक कारण है क्लेश की तीव्रता ।
कषाय को पतला करो __ प्रश्न है-क्लेश मंद कैसे बने ? जैसे कर्म को मंद करें वैसे ही क्रोध को मंद करें । क्रोध कैसे मंद बने ? अहंकार मंद कैसे बने ? माया और लोभ मंद कैसे बने ? पतंजलि ने इनके लिए तीन-तीन प्रकार बतलाए हैंमंद, मृदु.और अधि- मंद अवस्था, मृदु अवस्था और अधि अवस्था । अधि है तो मंद और मृदु कैसे बने ? पतला कैसे बने ? ____ एक मुनि गुरु के पास आया और बोला- गुरुदेव ! उपवास का प्रत्याख्यान करवा दें। आचार्य ने प्रत्याख्यान कराया और साथ में कहा- 'पतली पाड़, पतली पाड़ । शिष्य ने सुन लिया । दूसरे दिन आया । सोचा- शरीर को पतला करना है तो एक उपवास से कैसे होगा? आचार्य से निवेदन कियाप्रत्याख्यान करा दें। गुरु ने प्रत्याख्यान करा कर कह दिया- पतली पाड़। यह सिलसिला चलता रहा । तीस दिन बीत गए । शरीर पतला हो गया । तीसवें दिन आया । गुरु ने फिर वही बात दोहराई-पतली पाड़ । मुनि आक्रोश में आ गया | बोला- 'क्या पतली पाडूं? यह कहते हुए अंगुली को खींचा । अंगुली हाथ में आ गई । गुरु बोले- मैंने इसीलिए तो कहा- पतली पाड़। मैंने यह कब कहा कि शरीर को पतला कर दो । मैंने कहा था कषाय को पतला कर | तू तपस्या करता है, उपवास करता है, पर कषाय तेरा प्रबल है । इस कषाय को पतला करो ।'
प्रयत्न का विवेक
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