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कायोत्सर्ग करे । संवत्सरी के प्रतिक्रमण में हजार श्वासोच्छ्वास करे | एक मुनि के लिए एक दिन में भी लगभग अठारह-बीस बार कायोत्सर्ग करने का विधान है।
- प्रायश्चित्त के इस अमोघ प्रयोग का हमारी आवश्यक करणीय, प्रवृत्तियों में कितना मूल्य है, कितना महत्त्व है, इसका ठीक मूल्यांकन करें
और इतना निश्चय कर लें- प्रतिदिन कम से कम बीस मिनट का कायोत्सर्ग तो करना ही है । अपने आवश्यक कामों की सूची में कायोत्सर्ग को भी सम्मिलित करें । कुछ दिन के अभ्यास के बाद आप स्वयं बहुत बड़ा परिवर्तन अनुभव करेंगे।
कायोत्सर्ग
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