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साध्वाचार के सूत्र
प्रश्न १०५. सामायिक चारित्र में शरीर कितने पाये जाते है ? उत्तर-पांच-औदारिक, वैक्रिय, आहारक, तैजस और कार्मण। प्रश्न १०६. सामायिक चारित्र में आत्मा? उत्तर-आठ-द्रव्य आत्मा, कषाय आत्मा, योग आत्मा, उपयोग आत्मा, ज्ञान
आत्मा, दर्शन आत्मा, चारित्र आत्मा और वीर्य आत्मा।' प्रश्न १०७. सामायिक चारित्र में दण्डक कौनसा? उत्तर-एक-इक्कीसवां (मनुष्य पञ्चेन्द्रिय)। प्रश्न १०८. सामायिक चारित्र में वीर्य कौनसा? उत्तर-एक–पंडित वीर्य । प्रश्न १०६. सामायिक चारित्र में लब्धि कितनी पाई जाती है। उत्तर-पांच-दान, लाभ, भोग, उपभोग, वीर्य। प्रश्न ११०. सामायिक चारित्र में पक्ष कितने पाये जाते हैं? उत्तर-एक-शुक्ल पक्ष । प्रश्न १११. सामायिक चारित्र में दृष्टि कितनी पायी जाती हैं ? उत्तर-एक-सम्यक् दृष्टि।६ प्रश्न ११२. सामायिक चारित्र भवी या अभवी? उत्तर-भवी। प्रश्न ११३. छेदोपस्थापनीयचारित्र का क्या अर्थ है ? उत्तर-जिसमें सामायिकचारित्र की पर्याय को छेदकर पांच महाव्रत रूप चारित्र
की उपस्थापना की जाए वह छेदोपस्थापनीय-चारित्र होता है। उक्त चारित्र में पांच महाव्रतों के प्रत्याख्यान कराए जाते हैं। इस चारित्र वाले मुनि का
चारित्र छेदोपस्थापनीयचारित्र कहलाता है। प्रश्न ११४. छेदोपस्थापनीय चारित्र कितने प्रकार का होता है ? उत्तर-दो प्रकार का होता हैं
सातिचार-साधु किसी बड़े अतिचार-दोष का सेवन कर संयम से पतित हो जाता है, वह पुनः दीक्षित होता है। कोई मुनि साधु जीवन त्याग कर
गृहस्थ बन जाता है, कालान्तर में पुनः दीक्षित होता है। इन दोनों १. २१ द्वार
५. २१ द्वार २. वही
६. वही ३. वही
७. वही ४. वही
८. भगवती २५/७/४५५
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