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९. चातुर्मास प्रकरण
प्रश्न १. चातर्मास किसे कहते हैं ? उत्तर-चातुर्मास का अर्थ है-चार मास प्रवास। व्यवहार भाषा में इसका अर्थ
है-चार मास (श्रावण, भाद्रव, आश्विन, कार्तिक) तक साधु एक स्थान
पर रहे, विहार न करे। प्रश्न २. चातुर्मास का दूसरा नाम क्या है ? उत्तर-वर्षावास चातुर्मास में वर्षा होती है। वर्षा होने के कारण जीव विराधना से
बचने के लिए साधु विहार न कर एक स्थान में वास करता है, इसलिए
इसे वर्षावास कहते हैं। प्रश्न ३. क्या साधु चातुर्मास में विहार कर सकता है? उत्तर-सामान्यतया साधु चातुर्मास में विहार नहीं कर सकता।' प्रश्न ४. क्या साधु चातुर्मास में वस्त्र जांच (ग्रहण कर) सकता है ? उत्तर-नहीं, चातुर्मास में साधु वस्त्र नहीं जांच सकता। विशेष परिस्थिति की बात
अलग है। प्रश्न ५. क्या साधु चातुर्मास में वासी आहार ले सकता है ? उत्तर-चातुर्मास में साधु (पहले दिन का) बासी फुलके, रोटी, मक्खन आदि
नहों ले सकता। प्रश्न ६. इसका क्या कारण है? उत्तर-वर्षावास में इसमें लीलण-फूलण आने की संभावना होती है, इसलिए
नहीं ले सकते। विशेषकर श्रावण और भाद्रव मास में। प्रश्न ७. चातुर्मास में साधु विहार क्यों नहीं करते? उत्तर-वर्षा होने से जीवों की उत्पत्ति अधिक हो जाती है, वनस्पति, घास आदि
की उत्पत्ति से मार्ग अवरुद्ध हो जाता है जीवहिंसा की विशेष संभावना हो १. निशीथ १०/३४
३. (क) आचा. श्रु. २ अ. ३ उदे. १/१ २. निशीर्थ १०/४१
(ख) बृहत्कल्प १/३५
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