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काव्यालोचन
२३१ वे कैसे निरर्थक हो गये हैं।
यह नहीं है कि पुराने को सम्मान न दें, पर उसे ओढ़कर न बैठ जायें और याद रखें कि
पतझड़ को रोका नहीं जा सकता कोंपल को टोका नहीं जा सकता पुराने वस्त्र को सम्मान दिया जा सकता है पर ओढ़ा नहीं जा सकता।
पीढ़ियों के अन्तर की बात आज बहुत चलती है। “जेनरेशन गैप” मिट सकता है यदि हम मान लें कि
फूल को चाहिए कि वह कली को स्थान दे कली को चाहिए कि वह फल को सम्मान दे।
लोग शिकायत करते हैं कि उनका मन एकाग्र नहीं होता। मन भटकता है इसलिए कि हम राजपथ पर नहीं चलते, पगडण्डियों में भटकते रहते हैं। अतीत की स्मृति और भविष्य की कल्पना पंख बन सकती है वर्तमान के यथार्थ में उड़ान भरने के लिए। वर्तमान है
अतीत के सागर में एक छोटा सा द्वीप। भविष्य की तमिस्त्रा में एक छोटा सा द्वीप। अतीत और भविष्य की अन्तहीन पगडण्डियों के बीच एक इच का राजपथ। स्मृति और कल्पना के विशाल परों से यथार्थ के आकाश में उड़ने वाला छोटा-सा पंछी।
वर्तमान का अर्थ है-वर्तमान समय। वर्तमान समय के एक समय इधर भूत है, एक समय उधर भविष्य । भूत और भविष्य के दो समयों के बीच
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