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________________ 90 लेश्या और मनोविज्ञान नारंगी रंग को पसन्द करने वाले व्यक्ति अत्यधिक प्रसन्न रहते हैं। इनमें समायोजन की विशिष्ट क्षमता होती है। ये मिलनसार, हंसमुख, प्रत्युत्पन्न बुद्धि के धनी, भीड़ में रहने वाले और कुशल वक्ता होते हैं। इस रंग को नापसन्द करने वाला व्यक्ति दिखावटी, दुनिया से परे गम्भीर और एकाग्र होकर रहता है। नारंगी रंग की भी विविध छवियां अपना अलग-अलग अर्थ दर्शाती हैं । चमकदार और स्पष्ट नारंगी रंग स्वास्थ्य और शक्ति का, गहरा नारंगी घमण्ड का और धुंधला धब्बेदार नारंगी मन्द बुद्धि का अर्थ प्रकट करता है। सुनहरी नारंगी रंग विवेक और शक्ति का अर्थ रखता है। इसमें मानसिक तथा आध्यात्मिक योग्यता बढ़ाने की क्षमता है। यह उच्च आध्यात्मिक प्रकम्पन वाला रंग है तथा यह आत्म-नियन्त्रण को व्यक्त करता है। भूरा नारंगी महत्त्वाकांक्षा की कमी, अलसता एवं शमन (Repression) का अर्थ देता है। पीला रंग जीवन शक्ति प्रदान करने वाला है। यह तर्क की अपेक्षा ज्ञान पर अधिक बल देता है। यह प्रसन्नता, आनन्द और हर्ष का प्रतीक है । इस रंग द्वारा शरीर और मन की स्वस्थता अभिव्यक्त होती है। बदलती हुई रंग छवियां अपना भिन्न-भिन्न प्रभाव व्यक्त करती हैं। सुनहरा पीला रंग उच्च आत्मिक गुणों का, कान्तिहीन बसन्ती पीला रंग महान् बौद्धिक शक्ति का, गहरा धुंधला पीला रंग ईर्ष्या और सन्देह का, मुरझाया-सा पीला रंग झूठी आशावादिता व काल्पनिक मानसिकता का परिचायक है। लाल मिश्रित पीला रंग कायरता का संकेतक है। नीम्बू पीला मानसिक शक्ति, कलात्मकता एवं वैज्ञानिक अभिमुखता को लिये सृजनात्मक क्षमता का संसूचक है। बहुत अधिक कान्तिहीन नीम्बू पीला शारीरिक बीमारी को बताता है।। पीले रंग को पसन्द करने वाले ऐसे व्यक्ति अन्तर्निरीक्षक, विवेकशील, श्रेष्ठ और गम्भीर मन वाले होते हैं। इन्हें दूसरों द्वारा प्रशंसा पाने की चाह रहती है। ये वफादार मित्र और विश्वसनीय होते हैं। साथ ही ये नवीनता, मौलिकता एवं बौद्धिकता प्रिय होते हैं। कुछ लोग इस रंग को नापसन्द करते हैं, क्योंकि पश्चिमी जगत् में इसे कायरता, आग्रहवादिता और उपद्रव का रंग माना जाता है। __ हरा रंग ऊर्जा, यौवन, विकास, अपरिपक्वता, सृजनात्मकता, आशा और नए जीवन का प्रतीक माना गया है। हरा रंग पीले और नीले रंग का मिश्रण है, इसलिए बुद्धि और सत्य की सहायता से मन और आत्मा के द्वार खुलते हैं। हरे रंग के प्रकम्पन आरामदायक होते हैं। इसे सार्वभौमिक दृष्टि प्रदान करने वाला, औरों की समस्याओं को सुलझाने की क्षमता रखने वाला, सहिष्णुता और उदारता का रंग माना गया है। इसमें नवीनता, जीवन का सातत्य, चिकित्सा की शक्ति निहित है । यह मैत्री, सहयोग, सेवा, परोपकार, दया, आशा, शान्ति और विश्वास का संसूचक रंग है । आध्यात्मिक क्षेत्र में यह एकाग्रता, ध्यान और स्थिर कार्यों के लिये आदर्श वातावरण तैयार करता है । इस रंग को प्रकृति, सन्तुलन और सहजता का रंग माना गया है। Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003048
Book TitleLeshya aur Manovigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShanta Jain
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages240
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size11 MB
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