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३२/ श्रमण महावीर
भगवान् को देखा । मंडप वर्षों से निर्जन हो चुका था। उसके परिपार्श्व में भी पैर रखने में हर आदमी सकुचाता था। फिर उसके भीतर आने और खड़े रहने का प्रश्न ही क्या? चंडकौशिक ने आज पहली बार अपने क्रीड़ास्थल में किसी मनुष्य को देखा। वह क्षणभर स्तब्ध रह गया । दूसरे ही क्षण उसका फन उठ गया। दृष्टि विष से व्याप्त हो गई। भयंकर फुफकार के साथ उसने महावीर को देखा। तीसरे क्षण उसने खड़े व्यक्ति के गिर जाने की कल्पना के साथ उस ओर देखा । वह देखता ही रह गया कि वह व्यक्ति अभी भी खड़ा है और वैसे ही खड़ा है जैसे पहले खड़ा था। उसकी विफलता ने उसमें दुगुना क्रोध भर दिया। वह कुछ पीछे हटा। फिर वेग के साथ आगे आया और विषसंकुल दृष्टि से भगवान् को देखा। भगवान् पर उसका कोई असर नहीं हुआ। उसने तीसरी बार सूर्य के सामने देख दृष्टि को विष से भरा और वह भगवान् पर डाली। परिणाम कुछ भी नहीं हुआ। भगवान् अब भी पर्वत की भांति अप्रकंप भाव से खड़े हैं।
___ चंडकौशिक का क्रोध सीमा पार कर गया। वह भयंकर फुफकार के साथ आगे सरका। आटोप से उछलता हुआ फन, कोप से उफनता हुआ शरीर, विष उगलती हुई
आंखें, असि-फलक की भांति चमचमाती जीभ - इन सबकी ऐसी समन्विति हुई कि रौद्र रस साकार हो गया।
___ चंडकौशिक भगवान् के पैरों के पास पहुंच गया। उसने सारी शक्ति लगाकर भगवान् के बाएं पैर के अंगूठे को डसा। विष ध्यान की शक्ति से अभिभूत हो गया। विषधर देखता ही रह गया। उसने दूसरी बार पैर को और तीसरी बार पैरों में लिपटकर गले को डसा । उसके सब प्रयत्न विफल हो गए। क्रोध के आवेश में वह खिन्न हो गया। बार-बार के वेग से वह थककर चूर हो गया। वह कुछ दूर जाकर भगवान् के सामने बैठ गया।
। भगवान् की ध्यान-प्रतिमा सम्पन्न हुई। उन्होंने देखा चंडकौशिक अपने विशालकाय शरीर को समेटे हुए सामने बैठा है। भगवान् ने प्रशान्त और मैत्री से ओतप्रोत दृष्टि उस पर डाली। उसकी दृष्टि का विष धुल गया। उसके रोम-रोम में शान्ति और सुधा व्याप्त हो गई।
यह है अहिंसा की प्रतिष्ठा और मैत्री की विजय । ___ग्वाले महावीर के पीछे-पीछे आ रहे थे। उन्होंने पेड़ पर चढ़कर दूर से सब कुछ देखा। वे आश्चर्य चकित रह गए। उन्होंने दूर-दूर तक यह संवाद पहुंचा दिया कि 'चंडकौशिक' शान्त हो गया है। कनकखल आश्रम का मार्ग अब निरापद है। हर कोई
आदमी इससे आ-जा सकता है। जनता के लिए यह बहुत ही शुभसंवाद था। वह हर्षोत्फुल्ल हो गई। हजारो-हजारों आदमी वहां आए। उन्होंने देखा मंडप के मध्य में एक
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