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जीवन का विहंगावलोकन / २६३
२३. अवि साहिए दुवे मासे, छप्पि मासे अदुवा अपिवित्ता॥
-भगवान् उपवास में पानी भी नहीं पीते थे। एक बार उन्होंने एक पक्ष तक पानी नहीं पिया। एक मास, दो मास और छह मास तक भी पानी पिए बिना रहे। सामान्य धारणा है कि खान-पान के बिना जीवन नहीं चलता। खाए बिना मनुष्य कुछ दिन रह सकता है पर पानी पिए बिना लम्बे समय तक नहीं रहा जा सकता। पर भगवान् महावीर ने छह मास तक भोजन-जल न लेकर यह प्रमाणित कर दिया कि मनुष्य संकल्प और प्राणशक्ति के आधार पर भोजन
और जल के बिना लम्बे समय तक जीवित रह सकता है। देहासक्ति विसर्जन २४. पुढे वा से अपुढे वा,णो से सातिज्जति तेइच्छं।' __ -भगवान् रोग से स्पृष्ट होने या न होने पर चिकित्सा की इच्छा नहीं करते थे। २५. दुक्खसहे भगवं अपडिन्ने।' ___-भगवान् कष्टों को सहन करते थे। २६. अचले भगवंरीइत्था।
-भगवान् चंचलता से मुक्त होकर विहार करते थे। २७. अच्छिं पि णो पमज्जिया, णोवि य कंडूयये मुणी गायं ।
-भगवान् अक्षि का प्रमार्जन नहीं करते थे, शरीर को खुजलाते भी नहीं थे। २८. पसारित्तु बाहुं परक्कमे,णो अवलंबिया ण कंधंसि।
-भगवान् शिशिर ऋतु में भी भुजाओं को फैलाकर रहते थे। वे भुजाओं से
वक्ष को ढांक कर नहीं रहते। २९. जंसिप्पेगे पवेयंति, सिसिरे मारुए पवायंते।
तंसिप्पेगे अणगारा, हिमवाए णिवायमेसंति॥ संघाडिओ पविसिस्सामो, एहा य समादहमाणा। पिहीया वा सक्खामो, अतिदुक्खं हिमगसंफासा॥ तंसि भगवं अपडिण्णे, अहे वियडे अहियासए दविए। णिक्खम्म एगदा राओ, चाए भगवं समियाए॥ -शिशिर की ठंडी हवा में जब लोग कांपते थे, कुछ मुनि भी बर्फीली
१. आयारो :९।४।६। २. आयारो:९।४।१ । ३. आयारो : ९।३।१२ । ४. आयारो : ९।३।१३ ।
५. आयारो : ९।१ । २० । ६. आयारो :९।१।२२ । ७. आयारो :९।२।१३-१५ ।
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