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है । आओ, हम भगवान् के पास चलें और उन्हें निवेदित करें।
दोनों भगवान् के पास आए और अभिवादन कर एक ओर बैठ गए । आनन्द ने सारा घटनाक्रम वृत्त भगवान् बुद्ध को सुनाया
जैन आगमों में उक्त घटना का कोई उल्लेख नहीं है । भगवान् महावीर के जीवनकाल में संघर्ष की दो घटनाएं घटित हुई थीं । भगवान् ५६ वर्ष के थे उस समय भगवान् के शिष्य जमालि ने संघ-भेद की स्थिति उत्पन्न की थी। जमालि के साथ पांच
परम्परा / २५९
श्रमण थे। उनमें से कुछेक जमालि का समर्थन कर रहे थे और कुछ उसका विरोध कर रहे थे। हो सकता है, उस घटना की स्मृति और काल की विस्मृति ने इस घटना को जन्म दिया हो ।
भगवान् जब ५८ वर्ष के थे, उस समय उनके शिष्य गौतम और भगवान् पार्श्व के शिष्य केशी में वाद हुआ था । उसमें धर्म, वेशभूषा आदि अनेक विषयों पर चर्चा हुई थी। बहुत संभव है कि पिटकों में यही घटना काल की विस्मृति के साथ उल्लिखित हुई हो ।
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