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________________ ८/ श्रमण महावीर महावीर की माता के तीन नाम थे- त्रिशला, विदेहदत्ता और प्रियकारिणी। उनका गोत्र था - वाशिष्ठ। महावीर के चुल्लपिता का नाम सुपार्श्व, बुआ का नाम यशोदया, बड़े भाई का नाम नंदिवर्धन, भाभी का नाम ज्येष्ठा और बड़ी बहन का नाम सुदर्शना था। महावीर की पत्नी का नाम यशोदा, पुत्री का नाम प्रियदर्शना, धेवती का नाम शेषवती,३ यशस्वती था। महावीर का परिवार समृद्ध और शक्तिशाली था। उनके धर्म-तीर्थ के विकास में उसने अपना योगदान दिया था। विवाह कुमार वर्द्धमान अब युवा हो गए। उनके अंग-अंग में यौवन का उभार आ गया। वे बचपन से सुन्दर थे। युवा होने पर वे अधिक सुन्दर दीखने लगे, ठीक वैसे ही जैसे चांद सहज ही कान्त होता है, शरद ऋतु में वह और अधिक कमनीय हो जाता है। कुमार की यौवनश्री को पूर्ण विकसित देख माता-पिता ने विवाह की चर्चा प्रारम्भ की। कुमार वर्द्धमान के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए अनेक राजा आए थे। उनमें कलिंग-नरेश जितशत्रु भी था । वह कुमार को देख मुग्ध हो गया। उसी समय उसके मन में कुमार के साथ सम्बन्ध जोड़ने की साध उत्पन्न हो गयी। कुछ समय बाद उसके पुत्री का जन्म हुआ। उसका नाम रखा गया यशोदा। पुत्री के बढ़ने के साथ-साथ जितशत्रु के मन की साध भी बढ़ रही थी। जितशत्रु की रानी का नाम था यशोदया। उसने जितशत्रु से कहा, 'पुत्री विवाह योग्य हो गयी है। अब आपकी क्या इच्छा है?' ___ 'इच्छा और क्या हो सकती है? विवाह करना है। तुम बताओ, किसके साथ करना उचित होगा?' 'इस विषय में आप मुझसे ज्यादा जानते हैं, फिर मैं क्या बताऊँ?' 'कन्या पर माता का अधिकार अधिक होता है, इसलिए इस पर तुमने जो सोचा है, वह बताओ।' 'क्या मैं अपनी भावना आपके सामने रखू जो अब तक मन में पलती रही है?' 'मैं अवश्य जानना चाहूंगा।' १. आयारचूला,१५।१८। २. आवश्यकचूर्णि, उत्तरभाग, पृ० १६४ ३. आयारचूला,१५।१९-२१ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003046
Book TitleShraman Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages334
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size13 MB
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