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प्रेक्षा की अर्थयात्रा
प्रेक्षा तीसरा नेत्र है। प्रेक्षा अन्तश्चेतना को जागृत करने की अनुपम परिक्रया है। प्रेक्षा जीवन्त दृष्टि है। प्रेक्षा प्रभु का प्रसाद है। प्रेक्षा साध्य को पाने का सोपान है। प्रेक्षा समता की सरिता है। प्रेक्षा तटस्थता है। प्रेक्षा तन्त्र है। प्रेक्षा समाधि है। प्रेक्षा समाधान है। प्रेक्षा योग है। प्रेक्षा धर्म है। प्रेक्षा अस्तित्व है। प्रेक्षा सत्य है। प्रेक्षा ज्ञान है। प्रेक्षा विज्ञान है। प्रेक्षा मित्र है। प्रेक्षा शक्ति है। प्रेक्षा भक्ति है। प्रेक्षा आनन्द है। प्रेक्षा प्रमाण है। प्रेक्षा प्रेरणा है। प्रेक्षा पूर्णता है। प्रेक्षा सुरक्षा है। प्रेक्षा परीक्षा है। प्रेक्षा दीक्षा है। प्रेक्षा समीक्षा है। प्रेक्षा जीवन को उन्नत बनाने का अनुपम ग्रन्थ है। प्रेक्षा अन्तर दृष्टि है। प्रेक्षा राग-द्वेष रहित वर्तमान क्षण है। प्रेक्षा राग की पीड़ा और विद्वेष की आग के मध्य समता की शांत सरिता है। प्रेक्षा अन्तर् की प्रखर ज्योति है। जिससे अनन्त-अनन्त काल से ठहरा हुआ सघन अन्धकार सब विलीन हो जाता है। प्रेक्षा वह सजग प्रेरणा है जो प्राणी में नव-स्पन्दन उत्पन्न कर देती है। प्रेक्षा वह संजीवन है जिससे मानव को पुनः जीवित किया जा सकता है। प्रेक्षा वह गारूडी विद्या है, जिससे कठोर नाग पाश बन्धन से बन्धे हनुमान को मुक्त किया जा सकता है। प्रेक्षा स्वतंत्रता है। प्रेक्षा आत्मतन्त्र है। प्रेक्षा सजगता है। प्रेक्षा के प्रयोग का तात्पर्य है यथार्थ का अनुभव करना यथार्थ का अनुभव सत्य का साक्षात्कार
है।
___ सत्य छोटा सा शब्द है, किन्तु अनन्त-अनन्त गहराइयों को अपने में सिमेटे हुए हैं। सत्य का उद्घाटन केवल श्रम से नहीं साधना से होता है। साधना भी श्रम है, पुरुषार्थ है, साधना स्वयं सत्य है जो अन्त में साध्य में परिवर्तित हो जाता है।
प्रेक्षा साध्य भी है साधन भी। प्रेक्षा चित्त शुद्धि का सरल मार्ग है। प्रेक्षा से ऋजुता फलित होती है। प्रेक्षा से मृदुता फलित होती है। प्रेक्षा से लघुता फलित होती है। प्रेक्षा से सत्य फलित होता है। प्रेक्षा से शील फलित होता
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