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________________ प्रज्ञा की परिक्रमा सत्य का संस्पर्श स्वयं करती है। जिसकी अभिव्यक्ति से ही पता लगता है कि प्रज्ञा की प्रकर्षता कितनी है। प्रज्ञा की प्रकर्षता प्रज्ञा की प्रकर्षता की जांच के लिए यह जानना होगा कि प्रज्ञा का यह प्रकाश कहां से आविर्भूत हो रहा है। जब प्रज्ञा का प्रकाश श्रुत, अनुमान से संचलित है तब वह पदार्थ की साक्षात् करने वाली परम प्रज्ञा नहीं है। श्रुत और अनुमान जनित प्रज्ञा पदार्थ को प्रकाशित तो कर रही है, किन्तु उसका विषय स्थूल होगा। ऋतम्भरा प्रज्ञा को प्राप्त व्यक्ति जब श्रुत के द्वारा अपनी अभिव्यक्ति करता है। वह श्रुत ऋतम्भरा प्रज्ञा का आलोक अवश्य है किन्तु जिस समय व्यक्ति समाधि में निर्विचार वैशारद में विहरण करता है उस स्थिति की अनुभूति और अभिव्यक्ति में अत्यन्त कुशलता के बावजूद पूर्णता नहीं कर सकता है; अपूर्णता परम प्रज्ञा अनुसारिणि होने से उस श्रुत को भी प्रज्ञा कहा गया है। उसे पंकिल जल और तुषार जल का उदाहरण देकर अन्तर दर्शाया गया है। निर्विचार समापत्ति में ऋतम्भरा प्रज्ञा में जिस ज्ञान का संस्पर्श होता है वह सत्य के अधिक सन्निकट है। प्रज्ञा की इस परिक्रमा में केवल श्रुत अथवा अनुमान की यात्रा नहीं है। श्रुत और अनुमान प्रारम्भ में आलंबन बनते हैं, किन्तु अन्ततः उस परम प्रज्ञा के लिए सबीज समाधि से निर्बीज समाधि की ओर यात्रा करना अत्यावश्यक समाधि से प्रज्ञा समाधि चित्त की वह अवस्था है जहां व्यक्ति विचार के साथ विचरण करता है जिसे सविचार समाधि कहा गया है। जब वृत्ति से विचार निकल जाता है केवल वृत्ति में अविचार स्थिति उत्पन्न हो वृत्तियां स्थिर बन जाती हैं तब वह निर्विचार स्थिति बनती है। निर्विचार स्थिति ही प्रज्ञा की अवस्था को उपलब्ध होता है। पतंजलि योग दर्शन में जहां सबीज, निर्बीज समाधि की चर्चा करते हैं उनकी अपनी प्रक्रियाएं भी दी हैं। प्रेक्षा-ध्यान साधना पद्धति ने समाधि की खोज एवं समाधि की निष्पत्ति के लिए प्रेक्षा के प्रयोगों का निरूपण किया है। पतंजलि समाधि से पूर्व सात अंग की प्रतिज्ञा करते हैं वे कहते हैं-यम, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003045
Book TitlePragna ki Parikrama
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishanlalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages186
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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