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भय मुक्त कैसे हों भय ग्रन्थि से मुक्त हो गया और सामान्य अवस्था में आ गया। बाद में पता लगा कि उसे स्वप्न में भयंकर दृश्य दिखाई देता था कि कोई शेर उसके सम्मुख दहाड़ रहा है। वह इतना भयभीत बन जाता था मानो उसके शरीर से किसी ने रक्त को खींच लिया हो। भय-मुक्ति के सुझावों से वह सदा-सदा के लिए स्वस्थ हो गया। ऐसी अन्य अनेकों घटनाएं और प्रयोग हैं। लेकिन भय-मुक्ति के लिए प्रेक्षा-ध्यान अमोघ साधन है, जिससे चेतना का जागरण होता है। जागृत चैतन्य में भय ठहर नहीं सकता।
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