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________________ १८. प्रज्ञा की परिक्रमा जाती है। गोशालक ने भगवान् महावीर पर लब्धि का प्रयोग किया, वह लब्धि पुनः उसके शरीर में प्रविष्ट हुई और उसको ही प्रतिहत किया। जिससे उसकी मृत्यु हो गई । तैजोलब्धि से जैसे उष्ण विस्फोट होता है, वैसे ही शीतल विस्फोट भी किया जाता है। अणु वैज्ञानिकों ने परमाणु के विस्फोट से जो उष्ण ऊर्जा उत्पन्न की, क्या वैसे ही शीतल ऊर्जा भी उत्पन्न की जा सकती है ? परमाणु स्कन्ध में आठ स्पर्श होते हैं, उष्ण, शीत, रुक्ष, स्निग्ध, मृदु, कर्कश, लघु, गुरु । उष्णता के साथ शीतलता भी परमाणु में विद्यमान है। शीतलता का विस्फोट कर उष्णता की विभीषिका से मानव जाति को सुरक्षित किया जा सकता है। चैतन्य की अपनी विशेष क्षमता होती है, उस शक्ति को जागृत कर सृजन की नई दिशा को गतिशील बनाया जा सकता है। आकस्मिक ऊर्जा से शरीर भस्म ५ दिसंबर १६६६ की घटना है । काउडर स्पोर्ट पेंसिल वानिया में डा० जान हर्षित अपने मकान पर लेटे हुए थे । अकस्मात् शरीर से आग भभकी और वे भस्म हो गए। डॉ० जान डर्विन वेन्टले दरवाजे पर आए और पुकारा । कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला। पाइप के सहारे कमरे में प्रवेश किया । दृश्य देख दंग रह गए। ऐसा विभत्स दृश्य था, जिसे वे देख नहीं सके। डॉ० जान का पूरा शरीर जलकर राख हो गया। विशेषज्ञों ने घटना क्रम का भलीभांति अध्ययन किया । अन्ततः स्वतः जलने की संज्ञा दी। ऐसा ही एक घटना सेन्ट पीटर्स वर्ग प्लोरिडा में घटी। मेरीरिजर नामक एक अत्यन्त हृष्ट-पुष्ट महिला कुर्सी पर बैठे-बैठे जल गई। इस कायिक दहन की विशेषता यह थी कि यह भयंकर आग एक मीटर के घेरे तक सीमित रही। जिससे मेरी का ८० किलो वजनी शरीर जलकर राख हो गया । शरीर को कोशिकाओं में इस प्रकार की प्रचण्ड अग्नि उत्पन्न नहीं हो सकती । किन्तु मनुष्य चेतना की अपनी अद्भुत शक्ति है । उसमें अनन्त शक्ति विद्यमान है। भगवान् महावीर ने संकल्प और प्राण को सक्रिय करने की प्रक्रिया गोशालक को सिखाई । उस तैजोलब्धि से ही उसने उनके शिष्यों को जला डाला ! यह शरीर की अग्नि नहीं, अपितु चेतना के संकल्प और प्राण की शक्ति है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003045
Book TitlePragna ki Parikrama
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishanlalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages186
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size8 MB
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