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________________ तथा चै. सु. ९ ना रोज आयंबील कराववा माटे शेठ माणेकलाल चुनीलाल, तथा स्व. शेठ कान्तिलाल चुनीलाल तरफथी अनुक्रमे रु. १०००) तथा ५००) मळीने कूल रु. पन्दरसोनी मदद पण कपडवंज मुकामे ज मळी हती। आ आराधनानी समाप्ति थया बाद आ प्रसंगे अत्रे आवेला घणां गामोना अग्रेसरो तरफथी पोतपोताना गामे चातुर्मास कराववा माटेनी विनंतिओ पूज्यपाद आगमोद्धारक-आचार्यदेवेशने करवामां आवी. आ विनंतिओमां खम्भातना तपागच्छ-जैनसंघना आगेवानोनी विनंति हती. खम्भातनी विनंति उपरथी पूज्य पंन्यासजीने पोताना परिवार सहित खम्भात चोमासुं करवानी पूज्य गुरुदेवे आज्ञा फरमावी. आ अवसरे अवचूर्णिना प्रफ संशोधनहुँ, सि. हे. श. शासनना सम्पादननु अने आनन्दबोधिनीनी रचनानुं कार्य चाली रह्यं हतुं । अमारी मंडलीए खम्भात जवा माटे विहार करवानी तैयारी करवा मांडी, एटलामा केटलाक वखतथी दीक्षाना अभिलाषी चाणस्माना रहेवासी पानाचन्दभाईने दीक्षा आपवानो दिवस नजीकमां आवतो होइ त्यां सुधी रोकाइने कपडवंजमा ज ते भाईने दीक्षा आपीने श्रीज्ञानसागरजीना शिष्य तरीके जाहेर करी श्री पूर्णानन्दसागरजी नाम पाडवामां आव्युं. त्यारपछी विहार करीने अमे आंबोली पहोंच्या, त्यांना संघ तरफथी अट्ठाइ महोत्सव, शान्तिस्नात्र अने स्वामिवात्सल्य आदि शुभकार्यो निमित्ते त्यांना संघना आग्रहथी दशेक दिवस सुधी अमे त्यां रोकाया हता. त्यारपछी त्यांथी विहार करीने महुधा, नडीयाद अने आणंद थइने खम्भात तरफ अमारो विहार थयो अने अनुक्रमे खम्भात पहोंच्या । ___ आ रीतिए अमदावादनुं चातुर्मास पुरुं थतां पहेलाना बधा शासनहितवर्धक कार्यो जणावी दीधा, हवे खम्भातना पुनीत प्रसंगने विचारीए । ANSAR YIES Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003041
Book TitleSiddha Hemchandra Shabdanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrasagar Gani
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1948
Total Pages396
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size21 MB
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