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________________ २-पर्युषणमां सुपना- घी मण २४५० अने बारसासूत्रना चित्रोनुं दर्शन कराववानुं घी मण १२५ मळी घी मण २५७५ ना रु. ६४३७॥ नी उपज देवद्रव्यमा थइ ते कूल रकम शेठ आणंदजी कल्याणजीनी पेढीमां भरवामां आवी । ३-माळवामां पधारतां साधु-साध्वीओना विहार-वैयावच माटेनी टीपमा रु. २२००) बावीसो उपरांत भरावीने उज्जैननी शेठ ऋ० छ० नी पेढीमां मोकल्या । ४- श्रीहेमचन्दकृति-कुसुमावली नामनो ग्रन्थ प्रसिद्ध करवा माटे रु. ७०० स्व० शेठ नेमचन्द पोपटलाल वोरा तरफथी हा. जगञ्चन्द्रभाई । ५- श्रीनवकार-मंत्रनी आराधना करनाराओने नव दिवसना एकासणां करावनार जुदी जुदी व्यक्तिओ तरफथी थयेला खर्चना रु. २०००) लगभग । ६-जुदाजुदा गामोना श्री वर्धमान-तपखाताओने पगभर करवा — श्रीवर्धमान-तप-सहायक समिति'नी स्थापना करावी, अने ते समितिद्वारा थयेला फंडमां आवेला रु. १६०००) सोळ हजार उपरांतनी रकम थई । अने ते रकममाथी बावीस उपरांत गामोना आयंबील खातामां पडेला तोटाने समितिद्वारा भरपाइ करावीने खाताने पगभर करवामां आव्यां । उपर प्रमाणे शासनहितवर्धक कार्यों पूज्यश्रीना उपदेशथी आ चोमासामां थयां हतां । पन्यासजीना शिष्य-मुनिश्री देवेन्द्रसागरजीना उपदेशथी शरु थयेला उपधानथी तपनी मालारोपणना शुभ कार्य माटे ऊंझाना संघना अत्यन्त आग्रहने लइने चातुर्मास पूर्ण थतां का. वदि ५ ना रोज उंझे जवा माटे सपरिवार-पूज्य पंन्यासजीए अमदावादथी विहार कर्यो, अने पानसरतीर्थे पधार्या । पानसरमां अमदावादथी वंदनार्थ आवेला भाईव्हेनोने सुश्रावक गिरधरलाल छोटालाल तथा मोहनलाल छोटालाल तरफथी स्वामिवात्सल्य-पूजा प्रभावना करवामां आव्यां हतां । त्यांथी विहार करीने अनुक्रमे ऊंझा मुकामे पधारवानुं थयुं । ___ पूज्य पंन्यासजीनी आज्ञाथी मुनिश्री देवेन्द्रसागरजी, सुबोधसागरजी, प्रवीणसागरजी, दौलत सागरजी अने हेमेन्द्रसागरजी विगेरे पूज्यश्रीना पांच शिष्य-प्रशिष्योर्नु ऊंज्ञा मुकामे थयेला आ चातुर्मास ऊंझामां थयु हतुं । मुनिश्री देवेन्द्रसागरजीना सदुपदेशथी माळारोपणादि शुभ श्रुतज्ञाननी आराधना निमित्ते सुश्रावक शान्तिकुमार अम्बालाल तरफथी कार्यो- करावाती उपधान तपनी आराधना चालती हती, तेनी समाप्ति थती होवाथी अट्ठाइ महोत्सव वरघोडा अने बे स्वामिवात्सल्य विगेरे धार्मिक १-अमदावादना संघनो एवो ठराव छे के-" दरेक उपाश्रये पर्युषणपर्वमां सुपनानी बोलीनी जे उपज थाय ते बधी शेठ आणंदजी कल्याणजीनी पेढीमां भरवी, बघा उपाश्रयोनी आवेली रकम जेटली थाय तेटली रकम पेढी तेमां उमेरे, पछी ते बधी एकठी थयेल रकम माळवा-मेवाड आदिना जीर्णोद्धारमा खर्चवी, अने तेनो वहीवट बधा उपाध्योना एक एक वहीवटदारनी बनेली समिति करे।" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003041
Book TitleSiddha Hemchandra Shabdanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrasagar Gani
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1948
Total Pages396
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size21 MB
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