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जोटाणाना आगेवान शेठ मणिलाल भीखाभाई आदिना आप्रहथी मेसाणेपी बिहार करीने पूज्यमी समुदायसहित अक्षयतृतीयाने रोज जोटाणामां पधार्या । आ अवसरे नवदीक्षित श्रीचन्द्रप्रभसागरजीने वडीदीक्षाना योग चालता हता, तथा तिलकश्रीजीना समुदायनी नूतन साध्वीओने वडीदीक्षा अपाववा साध्वी-मृगेन्द्रश्रीजी साथे सुशीलाश्री अने कंचनश्री आदिनुं आगमन थयुं, तेमांनी वडीदीक्षा रहितनी साध्वीओने वडीदीक्षाना योगमा प्रवेश कराव्यो. श्रीअमूल्यसागरजीनी साथे वडीदीक्षा माटे खेरवेथी पधारेला पूज्यश्रीना प्रशिष्य श्रीहेमेन्द्रसागरजीने पण शुभ दिवसे योगमा प्रवेश कराव्यो। सिद्धगिरिजीनी यात्रा करीने श्रीचन्द्रप्रभसागरजीना संसारी पिता शा. छोगाजी कानाजी पण बराबर आ ज अवसरे अहीं आवी पहोंच्या. तेओ पोते दीक्षाभिलाषी होवा छतां केटलाएक संयोगोने लीधे समय वीतावता जता हता, तेओने पूज्यश्रीए आ प्रसंगे उपदेश आपतां जणाव्यु के-“ तमे दीक्षार्थी होवाथी अने विशेष समयनुं अन्तर न होय तो पुत्र करतां पिताने बडी दीक्षा वहेली आपवानी शास्त्राज्ञा होवाथी तमारा पुत्रने अर्थात् चन्द्रप्रभसागरने हमे वडी दीक्षा आपी शकता नथी अने तमे दीक्षा लेवामां हजी विलम्ब करशो तो तमारा पुत्रथी ओछी लायकातवाळा बीजा दीक्षितोने हमारे वडी दीक्षा आपीने तमारा पुत्रथी वडिल करवा पडशे, माटे जो तमे आ वैशाख शुदि ७ ना रोज दीक्षा लेवानुं नक्की करो तो दीक्षित थया पछी तमने तरत योगमा प्रवेश करावी आ बीजा साधु साध्वीओनी बडी दीक्षानी साथे ज तमारी बन्नेनी ( बाप-दीकरानी वडी दीक्षा पण थइ जाय." उपर प्रमाणेना पूज्यश्रीना उपदेशनी सचोट असर थवाथी अने दीक्षा तथा वडीदीक्षाने अनुकूळ एबुं क्षेत्र तेमज भक्तिवंत श्रावक समुदाय तन-मन धनथी दरेक धर्मकार्यमा उत्साहथी भाग लेनारो होवाथी श्रेष्ठि छोगाजीए आ प्रसंगे जोटाणामां ज वै. सु. ७ नो दिवस नक्की करी दीक्षा लेवानी इच्छा जणाव्याथी आगले दिवसे तेमनी दीक्षानो वरघोडो चढावी वै.शु. ७ ना दिवसे शुभ मुहूर्ते दीक्षा आपीने श्रीचन्द्रकान्तसागरजी नाम स्थापीने पूज्य पंन्यासजीना शिष्य तरीके जाहेर कर्या । आ ज प्रसंगे साध्वीओने वडी दीक्षा आपवामां आवी हती. नूतन दीक्षामां तथा वडी दीक्षामां जोटाणाना श्रीसंघे तथा साध्वीओना संसारी सगां संबन्धीओए तन-मन अने धनथी लाभ लीधो हतो । वै. सु. १० ना ध्वजादंडारोपण अने बिम्बप्रतिष्ठाने अंगे उत्सव चालु होवाथी आजुबाजुना गामना घणा जैनो आवेला होवाथी दीक्षा अने वडी दीक्षाना प्रसंगनी शोभा सारी थइ हती। ध्वजादंडारोपण, बिम्बप्रतिष्ठा, वरघोडो, अट्ठाइ महोत्सव अने शान्तिस्नात्र वगेरेना चढावानी उपजथी मन्दिरमा रु. ३०००) उपरांतनी आवक थइ । ब्हार गामथी आवेला श्रावको माटे रसोडु खुल्लु मूकीने अने बे स्वामिवात्सल्योना जमण करीने जोटाणाना संघे स्वामिभाईओनी भक्तिनो सारो लाभ लीधो. विशेषमा पूज्यश्रीना उपदेशथी श्री सि. हे. श. ना प्रकाशनमा रु. ११७) अने उज्जैननी श्री ऋ० छ०नी पेढीद्वारा माळवाना मन्दिरो माटे केशर विगेरेनी मददमां रु. ३०१) जोटाणाना श्रीसंघे आप्या हता । श्रीचन्द्रकान्तसागरजीने दीक्षा आपीने तुरत ज योगमा प्रवेश करावेलो
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