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पंन्यासजी महाराज सपरिवार पधार्या हता. त्यां पण पूज्यश्रीना व्याख्यानमां तथा पूजामा शहेरना धणा भाईबहेनोए पधारीने लाभ लीधो हतो। त्यांथी सांजना विहार करीने तापी नदीने किनारे बंगलामां रात रहीने आगळ विहार कर्यो।
आगळ विहार करतां अनुक्रमे भरुचनगरमंडन-श्रीमुनिसुव्रतस्वामीना दर्शन करी प्रामानु
ग्राम विहार करतां अनुक्रमे अमदावादनी नजदीकमां साबरमती-नदीने पानसर तीर्थमा सामु- किनारे आवेला सुश्रावक गिरधरलाल छोटालालना बंगलामा पंन्यासजी दायिक शाश्वत महाराज सपरिवार पधार्या । श्री सि. हे. श. शासनना सम्पादन कार्य आराधना. माटे ताडपत्रीय ग्रन्थो, हस्तलिखित ग्रन्थो विगेरे सामग्री जे पंडितने
सोंपेली ते काम तेमनाथी थह शके एम न होवाथी ते बधी सामग्री तेणे सं. १९९८ना फागण मासनी समाप्तिमां आ स्थळे पंन्यासजी महाराजने पाछी आपी दीधी। पानसर जवानी उतावळ होवाथी पूज्य पंन्यासजी महाराज अमदाबाद शहेरमा हमणां पधारवाना नथी एम जाणीने तेओश्रीना परम-विनेय-श्रीदेवेन्द्रसागरजी आदि शिष्य-प्रशिष्यो, साध्वीओ अने श्रावक श्राविकाओ पूज्य पंन्यासजीना दर्शन-वन्दनार्थे शेठ गिरधरलालने बंगले पधार्या हता। चैत्र सुदि १ने दिवसे त्यांथी विहार करीने साबरमती अने कलोल थईने पानसर तीर्थमा प्रवेश करीने चरमतीर्थकर-श्रीमहावीरस्वामीना दर्शन करीने पंन्यासजी आदि मुनिवरो कृतार्थ थया ।
आमंत्रण आपनार तरफथी आ सामुदायिक आराधनाना आमंत्रण निमित्ते रु.७५००) शान्तिस्नात्रनिमित्ते रु. ५०१) पारणाने दिवसे स्वामिवात्सल्य करवा माटे रु. ८५१) समाजना आजीवन सभासदनी फीना रु. १००१) अने साधुओने भणाववा आदिना साधारण खातामा रु. ३००) मळी कुल रुपीया १०१५३) दश हजार एकसो ने त्रेपन श्री सिद्धचक्र आराधक समाजादिने मळ्या हता. ते उपरांत आ प्रसंग उपर पोतानां सगां-सम्बन्धिओने बोलावी रसोडुं खोलवामां तथा साधु-साध्वीनी भक्तिमां अत्यंत उदारताथी द्रव्यनो व्यय करीने चंचळ लक्ष्मीने निश्चळ करवामां लेशभर खामी राखी नथी। बहार गामथी आवेला श्रावक-श्राविका विगेरेनी साधर्मिक भकिमां समाजना आगेवानोए पण रु. २२००) उपरांतनो खर्च करीने लाम लीधो हतो ।
आराधनाना प्रसंगने लईने आ तीर्थमां नीचे जणाव्या प्रमाणेनी उपज थई हती-वरघोडाना चढावामा रु. १६००) घणा वखतथी साधारण खातामा तोटो हतो ते पूरवा माटे साधारण खातामा रु. ३०००) अने राजनगरनिवासी स्व० शेठ कान्तिलाल चूनीलालनी धर्मपत्नी-श्रीमतीवसुमती-व्हेने चैत्रीपूनमना देव वंदाव्या ते अवसरे रु. ७२५) नी उपज भंडारमा थई. उपर जणावेली रु. ५३२५) नी उपज उपरांत रोजनी पीनी बोलीनी अने भंडारनी परचूरण आवक मळीने रु. ५०००) नी थवाथी कुल रु. १००००) उपरांतनी आवक आ तीर्थने थई हती।
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