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१८ प्रबन्धचिन्तामणि
[प्रथम प्रकाश इस प्रकार नीतिशास्त्रके उपदेशानुसार, मेरी आज्ञा भंग करके विना शस्त्रके वध करनेवाले तुम पुत्रोंको मैं क्या दंड दूं ! इसके बाद राजाने आयुके १२० वें वर्षमें प्रायोपवेशन (अन्न जलका त्याग) कर चितामें प्रवेश किया। इस राजाने भट्टारिका श्री योगीश्वरी का मन्दिर बनाया।
२३) इस [ योगराज नामक ] राजाने ३५ वर्ष राज्य किया। सं०८९७ से लेकर २५ वर्ष श्री क्षेमराज ने राज्य किया। सं० ९२२ से लेकर २९ वर्ष तक श्री भू यड़ ने राज्य किया। इसने श्री पत्तन नगरमें भूय डे श्व र का
मन्दिर बनवाया। सं० ९५१ से लेकर २५ वर्ष तक श्री वैर सिंह ने राज्य किया । सं० ९७६ से लेकर १५ वर्ष तक श्री रत्ना दित्य ने राज्य किया । सं० ९९१ से लेकर ७ वर्ष तक श्री सा म न्त सिंह ने राज्य किया ।
इस प्रकार चा पोत्कट वंशमें सात राजा हुए । विक्र मा दित्य संवत् ९९८ वर्ष तक [ इस वंशका राज्य रहा।
[A प्रति और उसके साथ प्रायः मिलती हुई D प्रतिमें यह राजावली निम्नलिखित रूपसे मिलती है।] सं० *८...(?) श्रावण सुदी ४ से १० वर्ष १ मास १ दिन श्री यो ग राज ने राज्य किया। सं० ८....श्रावण सुदी ५ उत्तराषाढा नक्षत्र और धनुष लग्नमें रत्ना दि त्य का राज्याभिषेक हुआ। सं० ८....कार्तिक सुदी ९ से लेकर ३ वर्ष ३ मास ४ दिनतक इस राजाने राज्य किया । सं० ८....कार्तिक सुदी ९ रविवारको मघा नक्षत्र और वृषलग्नमें श्री वैर सिंह राज्यपर बैठा । सं० ८....ज्येष्ठ सुदी १० शुक्रवारसे लेकर ११ वर्ष ७ मास २ दिनतक इस राजाने राज्य किया । सं० ८....ज्येष्ठ सुदी १३ को हस्त नक्षत्र और सिंह लग्नमें श्री क्षे म रा ज दे व का राज्याभिषेक हुआ। सं० ९३....भादों सुदी १५ रविवारको, इस राजाको राज्य करते, ३८ वर्ष ३ महीना १० दिन ___ व्यतीत हुए थे। सं० ९३५ वर्षमें आश्विन सुदी १ सोमवारको रोहिणी नक्षत्र और कुम्भ लग्नमें श्री चा मुण्ड रा ज
देव का पट्टाभिषेक हुआ । सं० ९....माघ वदी ३ सोमवारसे लेकर १३ वर्ष ४ मास १७ दिनतक इस राजाने राज्य किया । सं० ९३८ (?) माघ वदी ४ मंगलवारको स्वाती नक्षत्र और सिंह लग्नमें श्री आ ग ड़ दे व राज्यपर
बैठा । इसने कर्करा पुरी में आ गड़ेश्वर और क ण्ट के श्वरी के मंदिर बनवाये । सं० ९६५ पौष सुदी ९ बुधवारसे लेकर २६ वर्ष १ मास २० दिनतक इसने राज्य किया । सं० ९....पौष सुदी १० गुरुवारको आर्द्रा नक्षत्र और कुम्भ लग्नमें भूय ग ड़ दे व राज्यपर बैठा । इस
राजाने भूय ग डे श्वर का मंदिर और श्री पत्त न में प्रकार बनवाया । सं० ९....वर्षसे आषाढ़ सुदी १५ से लेकर २७ वर्ष ६ महिने ५ दिनतक इसने राज्य किया।
इस प्रकार चा पोत्कट वंशमें ८ पुरुष हुए। १९० वर्ष, २ मास, सात दिनतक इस वंशके राजाओंने राज्य किया।]
* जिन प्रतियों में यह पाठ मिलता है उनमें इन संवत् सूचक अंकोंके विषयमें बड़ी गडबड़ी है। कहीं कोई अंक लिखा हुआ मिलता है और कहीं कोई । पंक्तियों में जो वर्ष मास आदि दिये गये हैं उनका इन अंकोंके साथ कोई मेल नहीं मिलता। इसलिये हमने इन अंकोंके स्थान शून्य ही रखे हैं । आगेके भागमें जो ऐतिहासिक विवेचन किया गया है उससे इन
अंकोंकी निरर्थकता मालूम हो जायगी। Jain Education International For Private & Personal Use Only
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