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जैनागम विरुद्ध मूर्ति पूजा *******学学*************************学李***** उपासक को खेद हुए बिना नहीं रहता। इस मूर्ति और मन्दिर के पक्ष में पड़कर ये लोग कैसी भाषा बोलने लग गये हैं, इसका थोड़ासा नमूना देखिये -
१. मन्दिर बनाओ। २. अच्छे कारीगरों से मूर्ति बनवाओ। ३. अमुक पहाड़ का रास्ता खुदवा कर ठीक करो।
अमुक तीर्थ स्थान पर धर्मशाला बनवाओ। मूर्ति का प्रतिष्ठा महोत्सव धूमधाम से करो। वर्ष में एक बार अवश्य यात्रा करो।
बड़े आडम्बर से संघ निकालो। ८. साधुओं का नगर प्रवेश खूब धूमधाम से कराओ। है. संघ के साथ गाड़ी, घोड़े, मोटरें, सिपाही, अस्त्र शस्त्रादि
रखो। १०. केले का पेड़ कटाकर उसके खम्भे बनाकर सजाई करो। ११. फूलों को तोड़कर उनसे बंगला बनाओ, उन्हें बिन्धकर
मूर्ति के लिए आभूषणादि बनाओ, फूल चढ़ाओ। १२. मूर्ति को सचित्त जल से स्नान कराओ। १३. दीपमाला से मन्दिर की शोभा बढ़ाओ। १४. मूर्ति की आरती और स्वप्नों का नीलाम बोलकर द्रव्य
संग्रह करो। १५. मूर्ति को मूल्यवान गहने पहिनाओ। १६. अमुक दीवाल को तोड़कर वहाँ उजालदान बनाओ। १७. मुकद्दमें लड़कर प्रतिपक्षी को हराओ। १८. अमुक नौकर को निकाल दो।
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