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सिद्ध द्वार ।
( ७६ )
PRANKRAMKHALAAKANKRA
२२ गृहस्थ लिङ्गी एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट चार सिद्ध होते हैं।
२३ स्त्री लिङ्गी एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट बीस सिद्ध होते हैं।
२४ पुरुष लिङ्गी एक समा में जघन्य एक, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते हैं।
२५ नपुसंक लिङ्गी एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट दश सिद्ध होते हैं।
२६ ऊध्र्व लोक में एक समय में जघन्य एक,उत्कृष्ट चार सिद्ध होते हैं।
२७ अधो लोक में एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट बीस सिद्ध होते हैं।
२८ तिर्यक् ( तीछी ) लोक में एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते हैं ।
२६ जघन्य अवगाहन वाले एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट चार सिद्ध होते हैं।
३० मध्यम अवगाहन वाले एक समय में जघन्य एक सिद्ध, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते हैं।
३१ उत्कृष्ट अवगाहन वाले एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट दो सिद्ध होते हैं।
३२ समुद्र के अन्दर एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट दो सिद्ध होते हैं।
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