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( ६६२ )
किन्नर
किंपुरुष
किन्नर
सापुरुष अतिकार्य
गति रति
पन्नी सनिहि
घाई
ऋषि ईश्वर
महोरग गंधर्व
पाण पन्नी
ईसी वाय
भूय वाय
कन्दिय
सुविच्छ
महाकांन्दय हास्य कोदण्ड श्वेत
पयंग देव पतंग
मध्यम
बाह्य
किंपुरुष
महापुरुष
महाकाय
गति यश
सामानी
विधाई
ऋषि पाल
महेश्वर
विशाल
आभ्यन्तर ८०००
१०००० १२०००
थोकडा संग्रह |
अशोक वृक्ष
चंपक
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हास्यरति चंपक
महाश्वेत
नाग "
पतंग पति
तुंबरु
१० सामानिक द्वार - सर्व इन्द्रों के चार चार हजार
नाग "
तुंबरु
59
कदम्य "
सुलस "
बड़
,,
खटंक उपकर
अशोक वृक्ष
सामानिक हैं ।
११ आत्म रक्षक द्वार - सर्व इन्द्रों के सोलह सोलह हजार आत्म रक्षक देव हैं ।
१२ परिषदा द्वार - भवन पति समान इनके भी तीन प्रकार की सभा हैं । ( १ ) आभ्यन्तर ( २ ) मध्यम ( ३ ) बाह्य ।
सभा
19
देव संख्या स्थिति देवी संख्या स्थिति
० ॥ पल्य १०००| पल्य जाजेरी
99
० ॥ " से न्यून १०००। ० | पल्य जा० १०००। " से न्यून
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