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भवनपति विस्तार ।
(६५६)
मनुष्य होकर १ समय में १० जीव मोक्ष जासके भवनपति-देवियों में से निकली हुई देवियें ( मनुष्य होकर ) पाँच जीव मोक्ष जा सके।
_२१ उत्पन्न द्वार-सर्व प्राण, भूत, जीव सत्य भवनपति देव व देवी रूप से अनन्त वार उत्पन्न हुवे परन्तु सत्य ज्ञान बिना गरज सरी नहीं ( उद्देश्य पूर्ण हुवा नहीं)
शेष विस्तार लघुदण्डक आदि थोकड़े से जानना चाहिये।
॥ इति भवन पति विस्तार सम्पूर्ण ।।
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