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________________ षटूद्रव्य पर ३१ द्वार । ( ५६५ ) ही द्रव्य कहते हैं । इसी तरह सब द्रव्यों के विषय में भी समझना। ३ लोक का मध्य प्रदेश कहां है ? उत्तर रत्न प्रभा १८०००० योजन की है। उसके नीचे २०००० योजन घनोदधि है । उसके नीचे असंख्य योजन धनवायु, असं० यो० तन वायु और असं० यो० आकाश है इस आकाश के असं० भाग में लोक का मध्य भाग है। ४ अधोलोक का मध्य प्रदेश वहाँ है, ? उ० पंकप्रभा के नीचे व आकाश प्रदेश साधिक में । ५ ऊर्ध्व लोक का मध्य प्रदेश कहां है ? उ० ब्रह्म देवलोक के तीसरे रिष्ट परतल में । ६ तिर्छ लोक का मध्य प्रदेश कहां है ? उ० मेरु __ पर्वत के ८ रुचक प्रदेशों में। इसी प्रकार धर्मा०, अधर्मा०, आकाशा० काय द्रव्य के प्रश्नोत्तर समझना, जीव का मध्य प्रदेश ८ रुचक प्रदेशों में है. काल का मध्य प्रदेश वर्तमान समय है। ___ २६ स्पर्शना द्वार-धर्मास्ति काय अधर्मा० लोकाकाश, जीव और पुद्गल द्रव्य को सम्पूर्ण स्पर्शा रहे हैं। काल को कहीं स्पर्श, कहीं न स्पर्शे, इसी प्रकार शेष ४ अस्तिकाय स्पर्श काल द्रव्य २॥ द्वीप में समस्त द्रव्यों को स्पर्श अन्य क्षेत्र में नहीं। Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.002997
Book TitleJainagama Thoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year1935
Total Pages756
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Philosophy
File Size23 MB
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