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थोकडा संग्रह।
सुकच्छ ,, सुवच्छ , सुपन , सुविधा " महा कच्छ,, महा वच्छ ,, महा पद्म , महा विद्या , कच्छ वती,, वच्छ वती, पद्मवती ,, विप्रावती ,, पात्रता , रमा , संवा , वागु , मंगला , रमक , कुमुदा , सुवगु , पुरकला ,, रमणीक , निली का ,, गन्धीला , पुष्कलावती ,, मंगलावती ,, सलीलावती ,, गंधीला व ,, . प्रत्येक विजय १६५६ २ यो०२कला दक्षिणत्तर लम्बी
और २२२।। यो. पूर्व पश्चिम में चौडी है । ये ३२ तथा १ भरत क्षेत्र, १ ऐरावत क्षेत्र एवं ३४ चक्रवर्ती हो सकते हैं। इन ३४ विजयों में ३४ दीघ वैताढ्य पर्वत, ३४ तमस गुफा, ३४ खण्ड पभा गुफा, ३४ राजधानी ३४ नगरी ३४ कृत माली देव, ३४ नट माली देव, ३४ ऋषभ कूट,
३४ गंगा नदी, ३४ सिन्धु नदी ये सब शाश्वत हैं। ... (६) द्रह द्वार-६ वषधर पवेतों पर छे, छ, ५ देव. कुरु में और ५ उत्तर कुरु में हैं। द्रह के नाम किस पर्वत लम्बाई चौड़ाई गहराई ( कुंड) पर हैं यो. यो. देवी कमल पद्म द्रह चूल हेमवन्त १०००,५००,१० श्री. १२०५०१२० महा पद्म,महा हेमवन्त२०००,१०००,१०ल. २४१००२४० तिगच्छ ,, निषिध ४०००, २०००, १० धृति ४८२००४८० केशरी ,, नीलवंत , " , बुद्धि ,
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