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________________ AatanA . AN ( २१२) थोकडा संग्रह । चोथे पांचवें सातवें जावे। चौथे गुण• मार्गणा ५ गिरे तो पहेले गुण० दूसरे, तीसरे गुण अवे और चढे तो पांचवें सातवें जावे । पांचवें गुणमार्गणा ५ गिरे तो पहेले, दूसरे, तीसरे,चोथे गुणावे और चढे तो सातवें जावे। छठे गुण ६ मार्गणा गिरे तो पहले, दूसरे,तीसरे,चोथे, पांचवें गुण. श्रावे और चढे तो सातवे जावे। सातवें गुण० मागेणा ३ गिरे तो छठे चोथे श्रावे और चढे तो आठवें गुण० जावे । पाठवें गुण० मार्गणा ३ गिरे तो सातवें चोथे आवे और चढे तो नववें गुण० जावे । नववें गुण० मार्गणा ३ गिरे तो आठवें चोथे आवे और चढे तो दशवे जावे । दश गुण० मागणा ४ गिरे तो नववें चोथे आवे चढे तो इग्यारहवें बारहवें जाने। इग्यारहवें गण मार्गणार काल करे तो अनुत्तर विमान में जावे और गिरे तो दशवें से पहेले तक आवे,चढे नहीं । बारहवें गुण मार्गणा? तेरहवें जावे, गिरे, नहीं । तेरहवें गुण० मार्गणा १ चौदहवें जावे,गिरे नहीं । चौदहवें मार्गणा नहीं, मोक्ष जावे । १५ आत्मा हार आत्मा अाठ १ द्रव्यात्मा २ कषायात्मा ३ योगात्मा ४ उपयोगात्मा ५ ज्ञानात्मा ६ दर्शनात्मा ७ चारित्रात्मा ८ वीयर्यात्मा एवं ८। पहेले तीसरे गुण०६त्रात्मा, ज्ञान और चारित्र' ये २ छोड़ कर, दूसरे चोथे गुण. ७ आत्मा चारित्र छोड़ कर, पांचवें गुण भी ७ आत्मा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002997
Book TitleJainagama Thoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year1935
Total Pages756
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Philosophy
File Size23 MB
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