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( ११८)
थोकडा संग्रह।
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१७ उपयोग द्वार उपयोग चार १ मति अज्ञान उपयोग २ श्रुत अज्ञान उपयोग ३ चक्षु दर्शन उपयोग ४ अचक्षु दर्शन उपयोग
१८ पाहार द्वार आहार दो प्रकार का-ओजस्, रोम० वे सचित, अचित, मिश्र तीनों ही तरह का लेते हैं।
१६ उत्पति द्वार मनुष्य संमूर्छिम में पाठ दण्डक का आवे ? पृथ्वी काय २ अप काय ३ वनस्पति काय ४ बे इन्द्रिय ५ त्री इन्द्रिय ६ चौरिन्द्रिय ७ मनुष्य ८ तिर्यच पंचेन्द्रिय ।
२२ चबन द्वार ये दश दण्डक में जावे-पांच एकेन्द्रिय तीन विकलेन्द्रिय मनुष्य और तिर्थच ।
२० स्थिति द्वार इनकी स्थिति जघन्य और उत्कृष्ट अन्तर मुहूर्त की।
२१ मरण द्वार-मरण दो प्रकार का-समोहिया, असमोहिया ।
२३ अागति द्वार-इन में दो गति का प्राव-मनुष्य तिर्यच ।
२४ गति द्वार- दो गति में जावे-मनुष्य और तिर्यच
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