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( ११६ )
थोकडा संग्रह।
पांचवें" "२०० वर्ष उणी"" " "वीश वर्ष" छठे " " २० वर्ष की " " "सोलह""
- उत्सर्पिणी काल में पहिले आरे लगते १६ वर्ष की स्थिति उतरते आरे २० वर्षकी दुमरे " " २० वर्ष" " " " २०० वर्ष" तीसरे " " २००" " " " "करोड पर्व" चौथ ॥ " करोड पूर्व की " " "एक पल्य" पांचवें" " एक पल्य" " " "दो " " छठे , " दो" " " " "तीन" " ___ २१ मरण द्वारः-मरण दो-१ समोहिया और २ असमोहिया।
२३ अागति द्वार:-मनुष्य गर्भज में चार गति का आवे १ नरक गति २ तिर्थच गति ३ मनुष्य गति ४ देव गति।
२४ गति द्वार:-मनुष्य गर्भज पांच ही गति में जावे। ॥ इति मनुष्य गर्भेज का दण्डक सम्पूणे ।
मनुष्य संमूर्णिम का दण्डक १ शरीरः-इनमें शरीर पावे तीन--औदारिक, लैजस, कामर्ण।
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