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( १०२)
थोकडा संग्रह।
७ लेश्या द्वार:__ पृथ्वी, अप व वनस्पति काय के-अपर्याप्ता में लेश्या चार १ कृष्ण २ नील ३ कापोत ४ तेजो । पर्याप्ता में तीन-१ कृष्ण २ नील ३ कापोत । तेजस् ( अग्नि ) और वायुकाय में तीन-१ कृष्ण २ नील ३ कापोत ।
८ इन्द्रिय द्वार:पांच एकेन्द्रिय में एक इन्द्रिय-स्पर्शेन्द्रिय ।
समुद्घात द्वार:वायु काय को छोड़ कर शेष चार एकेन्द्रिय में तीन समुद्घात १ वेदनीय २ कषाय ३ मारणान्तिक । वायु काय में चार १ वेदनीय २ कषाय ३ मारणान्तिक ४ वैक्रिय।
१० सज्ञी द्वार:पाचों एकोन्द्रिय असंज्ञी।
११ वेद द्वार:पांच एकेन्दिय में नपुंसक वेद ।
१२ पर्याप्ति द्वार:पांच एकेन्द्रिय में पर्याप्ति चार (पहेली) अपर्याप्ति चार।
१३ दृष्टि द्वार:पांच एकेन्द्रिय में एक मिथ्यात्व दृष्टि ।
१४ दर्शन द्वारःपांच एकेन्द्रिय में एक अचक्षु दर्शन ।
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