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सामायिक पारने (पूर्ण करने ) की मुद्रा
प्रतिक्रमण प्रारम्भ करते समय पच्चक्खाण पारते समय क्रिया के अंत में 'मिच्छामि दक्कडं मांगते समय चरवला/आसन पर दाहिने हाथ की मुट्ठी बनाकर तथा बाएँ हाथ में मुहपत्ति को मुख के सामने रखकर करने योग्य क्रिया का स्पष्ट चित्र
सामायिक में काया के १२ दोष
बार-बार किसी कारण बिना उठकर खड़े होना अथवा आसन उठाना।
चारों ओर देखते रहना।
पैरों के ऊपर पैर चढाकर बैठना।
चरवले की डंडी से शरीर खुजलाना ।
हथेली में मस्तक रखकर सो जाना।
सारे शरीर को वस्त्र से ढंक देना।
दोनों पैरों को दोनों हाथों से बांधकर आलस्य-प्रमाद करना ।
शरीर के मैल को हाथ से घिसकर निकालने का प्रयत्न करना।
बालकों के साथ खेलना
या झगड़ा करना
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