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________________ तडअस्मि गुणवए निदेव सत्थ अग्गि मुसल तण-कढे सहरुव-रस-गंधे पहाणुबट्टण मत-मूल-भेसज्जे वन्नग आभरणे कदापे आसण वत्था कुक्कुइएअहिंगरण-भोग-अइरित्ते अनर्थदंड विरमण व्रत में हिंसाप्रधान तथा प्रमादाचरण के प्रकार बतलाए गए हैं तथा अतिचारों में प्रेमिका को पुष्प देकर काम चेष्टा करता हुआ व्यक्ति कंदर्प में बतलाया गया है तथा अन्य को हँसाने के लिए विचित्र चेष्टा करता हुआ तथा पशुओं का मुहर पहना हुआ व्यक्ति कौत्कुच्य में बतलाया गया है । लोक आकर्षण के लिए किए जानेवाली निरर्थक चेष्टाएँ होने के कारण अनर्थदंड में लिया गया है। अधिकरण में पाप प्रवृत्ति के लिए तैयार रखी गइ घंटी बतलाइ गई है तथा सबसे नीचे के विभाग में वर्तमानकाल में अत्यंत व्यापक बन चुके तथा लोक मानस में पाप प्रवृत्तिरूप नहीं लगनेवाले अनर्थदंड के प्रकार बतलाए गए हैं, जिनमें कोम्प्युटर संलग्न गेम-चेटिंग सर्किंग आदि आते हैं । गृहोपयोगी साधन, प्रसाधन के साधन, स्वीमिंगपुल, रेसकोर्स (घुड़दौड़) आदि सट्टे के प्रकार, फीज, टी.वी. पत्ते की जोड़ी, हाउझीगेम, टेपरेकोर्डर, थियेटर, होटल, सर्कस, टुरिस्ट स्पॉट (प्रवास स्थल), घर का अद्यतन फर्नीचर, क्रिकेट आदि क्रीडाओं में अत्यंत रूचिपूर्वक बतलाए गए हैं । २७. १७९ For Private & Personal use only
SR No.002927
Book TitleAvashyaka Kriya Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
PublisherMokshpath Prakashan Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Spiritual, & Paryushan
File Size66 MB
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