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________________ इंगाली -वण- साडी इङ् - गाली - वण - साडी, वाणिज्जं चेव दंत, -लक्ख-रस-केस भाडी - फोडी-सुवज्जए कम्मं । भाडी-फोडी सु-वज्-जए कम्-मम् । वाणिज्-जम् चेव दन् त, लक्-ख-रस-केसविस - विस- यम् ॥२२॥ विस-विसयं ॥२२॥ गाथार्थ : १. अंगार कर्म : ईंटे पकाना, भट्ठी रखना इत्यादि; २. वन-कर्म : वृक्ष कटाना आदि, ३. शकट कर्म : मोटर आदि वाहन बनाना, ४. भाटक कर्म : भाडे पर वाहन आदि फिराना, ट्रांसपोर्ट व ट्युरीस्ट व हेराफेरी व्यवसाय और ५. स्फोटक कर्म : सुरंग बनाना, गड्डा खोदना, बोम्ब स्फोट करना, पटाखे बेचना आदि, ये पांच प्रकार के त्याग करने योग्य 'कर्म' हैं । १. दंत वाणिज्य : हाथी दांत आदि का, २. लक्ख वाणिज्य : सील मारने में उपयोगी लाख (लाह) का और साबून का ३. रस वाणिज्य : शराब, तेल, घी आदि का ४. केश वाणिज्य : मनुष्य के और रोओ वाले पशुओं के केश आदि का और, ५. विष वाणिज्य : बेगोन स्प्रे, टिक-२० आदि जन्तुनाशक दवाईयाँ और तलवार, बंदूक आदि शस्त्रों का और जहर का व्यापार, व्यवसाय । ये पांच प्रकार के त्याज्य व्यवसाय हैं । २२. पंद्रह कर्मादान अंगार कर्म "दंत वाणिज्य विष वाणिज्य 'लक्ख वाणिज्य अंगार, वन, शाटक, भाटक, विस्फोटक त्याग करने योग्य हैं, कर्म, व्यापार इसी प्रकार दांत, लाख, रस, केश, विष संबंधि । २२. לנט रिस वाणिज्य केस वाणिज्य 23 असइपोस कट कर्म Versonal Use On निल्लछण कम्म दव- दार्ण भाटक कर्म जतपिल्लण कम्म सर- दह-तलाय सोसं महाहिंसक, महाआरंभ-समारंभ के कारक पन्द्रह कर्मादान के व्यापारों में से कुछ व्यवसायों की रूप रेखा... अंगार कर्म =ईंट का उद्योग तथा स्टील की फैक्टरी की भट्ठी । वन कर्म-वृक्ष कटाने का कोन्ट्रेक्ट, शकट कर्म=मोटर मेन्युफेरिंग, भाट कर्म= ट्रान्सपोर्टेशन की ट्रकें, स्फोटक कर्म=सुरंग बनाने का कार्य, गड्डा खोदना आदि । दंत वाणिज्य = हाथी दाँत का ढेर, लाह का वाणिज्य= साबुन की दुकान, रस वाणिज्य = शराब की बोतलों का व्यापार, केश वाणिज्य = केश तथा केशयुक्त जीवों की बिक्री, यहाँ रोओं वाले पशुओं की बिक्री के दृश्य दिखलाए गए हैं। विष वाणिज्य = बेगॉन स्प्रे, टिक-२० आदि तथा तलवार बंदूक आदि शस्त्रों का व्यापार । यंत्र पीलन कर्म=ईक्षु का रस निकालनेवाला मशीन, निर्लांछन कर्म-गाय को दागना, दावाग्नि दान=जंगल की आग । सरद्रह तडागशोषण कर्म = कुआँ-तालाब का पानी मोटर से खींचा जा रहा है । असतीपोषण=नीच काम करनेवाले मनुष्यों को बेचनेवाला दलाल । २२. prar MELOD
SR No.002927
Book TitleAvashyaka Kriya Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
PublisherMokshpath Prakashan Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Spiritual, & Paryushan
File Size66 MB
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