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ॐ काली चिड़िया, हंस-श्वेत हंस, धार्तराष्ट्र-काले मुख एवं पैरों वाला हंस, भास-भासक, कुटीक्रोश, 卐 + क्रौंच, दकतुंडक-जलकूकड़ी, ढेलियाणक-जलचर पक्षी, शूचीमुख-सुघरी, कपिल, पिंगलाक्ष कारंडक,
चक्रवाक-चकवा, उक्कोस, गरुड़, पिंगुल-लाल रंग का तोता, शुक-तोता, मयूर, मदनशालिका-मैना, ॐ नन्दीमुख, नन्दमानक-दो अंगुल प्रमाण शरीर वाला और भूमि पर फुदकने वाला विशिष्ट पक्षी, कोरंग,
शृंगारक-भिंगोड़ी, कुणालक, जीवजीवक-चातक, तित्तिर-तीतर, वर्तक (बतख), लावक, कपिंजल, कपोत-कबूतर, पारावत-विशिष्ट प्रकार का कपोत, पारेवा, चटक-चिड़िया, ढिंक, कुक्कुट-मुर्गा, वेसर,
मयूर, चकोर, हृदपुण्डरीक-जलीय पक्षी, करक, चीरल्ल-चील, श्येन-बाज, वायस-काक, विहग-एक के विशिष्ट जाति का पक्षी. श्वेत चास. वल्गली. चमगादड. विततपक्षी-अढाई द्वीप से बाहर रहने वाला एक विशेष पक्षी, समुद्गपक्षी इत्यादि पक्षियों की अनेकानेक जातियाँ हैं, हिंसक जीव इनकी हिंसा करते हैं।
9. Kadambak-a special type of swan, Bak-crane, Balaka-a goose like bird, Aadasetiya, Kulal, vanjul, pariplav, keer-parrot, Shakunquail, deepika-a special type of sparrow, Hans-white swan,卐 dhartarashtra-Swan with black face and feet, bhaas, kutikrosh, crounch, dakatundak-acquatic snails, dheliyanak-an acquatic bird, shuchimukh, Kapil, pingalaksh, karandak, Chakravaak, Ukkos, Garud, pingul-red coloured parrot, Shuk-parrot, madanashalika-maina, nandimukh, nandamanak-a bird just two finger-breadth in size hopping on the land, bhringarak, Kunalak, Chatak, quail, goose, laavak,
Kapinjal, pigeon, paravat--a special type of pigeon, pareva, dhink, 4 kukkut (cock), vesar, peacock, chakor, hridapundarik (an acquatic bird),
Karak, eagle, vulture, vaayas, kaak, Vihag, white chaas. Valguli, bat, si vitat bird (bird found only outside two and a half continents inhabited by human beings), Samudag bird and the like. These are various types of birds. The violent people hunt them. अन्य विविध प्राणी OTHER DIFFERENT LNING BEINGS
१०. जल-थल-खग-चारिणो उ पंचिंदियपसुगणे बिय-तिय-चउरिदिए विविहे जीवे पियजीविए मरणदुक्खपडिकूले वराए हणंति बहुसंकिलिट्ठकम्मा।
१०. जल, स्थल और आकाश में विचरण करने वाले पंचेन्द्रिय प्राणी तथा पशु एवं द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय अथवा चतुरिन्द्रिय प्राणी अनेकानेक प्रकार के होते हैं। इन सभी प्राणियों को जीवित रहना प्रिय है। मरण का दुःख प्रतिकूल-अप्रिय है। फिर भी अत्यन्त संक्लिष्टकर्मा-अतीव क्लेश उत्पन्न करने वाले कर्मों से युक्त पापी पुरुष इन मूक दीन-हीन प्राणियों का वध करते हैं।
10. There are many types of five-sensed creatures and animals moving about in water on land and in sky. There are also two-sensed, three-sensed and four-sensed creatures. All these creatures love life. They detest death. Even than sinful persons with complex pain-causing Karmas kill these moot two-three-four sensed living beings.
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श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
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Shri Prashna Vyakaran Sutra
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