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fourth verse words Keyi paava occur. Therein human beings have not 卐 been mentioned. Factual position, however, could be known only to the
omniscient. 4 भुजपरिसर्प जीव BHUJAPARISARP (CREATURES MOVING WITH ARMS)
८. छीरल-सरंब-सेह-सेल्लग-गोधा-उंदुर-णउल-सरड-जाहग-मुगुस-खाडहिल-वाउप्पिय घिरोलिया सिरीसिवगणे य एवमाई।
८. क्षीरल-भुजाओं के सहारे चलने वाला जीव, शरम्ब, सेह-सेही-जिसके शरीर पर बड़े-बड़े ॥ काले-सफेद रंग के काँटे होते हैं जो उसकी आत्मरक्षा में उपयोगी होते हैं, शल्यक, गोह, चूहा, नेवला# वैरी, गिरगिट-जो अपना रंग पलटने में समर्थ होता है, जाहक-काँटों से ढका जीवविशेष, मुगुंस
गिलहरी, खाड़हिल-छडूंदर, गिल्लोरी, वातोत्पत्तिका, छिपकली इत्यादि अनेक प्रकार के भुजपरिसर्प 5 जीवों का वध करते हैं।
8. Ksheeral-creature moving with the help of arms; Sharamb, Seh, Sehi-creature having large white and black thorns on its body which protect it, Shalyak, goh, undur (rat), mongoose, girgit (creature capable of changing the colour of its body); jahak-a special type of creature covered with thorns, muguns (squirrel), Khaadahil, Gillori,
Vatotapattika, lizard and the like. The violent person hurts or kills many f suchlike animals.
विवेचन : परिसर्प जीव दो प्रकार के होते हैं-उरःपरिसर्प और भुजपरिसर्प। सर्प और चूहे का सावधानी से निरीक्षण करने पर दोनों का अन्तर स्पष्ट प्रतीत होता है। जो भुजाओं-अपने छोटे-छोटे पैरों से चलते हैं वे । भुजपरिसर्प हैं। उरपरिसॉं के ऐसा कोई अंग नहीं होता। वे रेंग-रेंगकर छाती के बल चलते हैं।
Elaboration-Crawling creatures (Parisarp) are of two kinds—those moving along their breast (uraparisarp) and those moving with the help of their arms (bhujaparisarp), Uraparisarp do not have any arm like thing and they move only along their breast. नभचर जीव NABHACHAR : (CREATURES MOVING IN SKY)
९. कादंबक-बक-बलाका-सारस-आडा सेतीय-कुलल-वंजुल पारिप्पव-कीर-सउण-दीवियहंस-धत्तरिट्ठग-भास-कुलीकोस-कुंच-दगतुंड-टेणियालग-सुईमुह-कविल-पिंगलक्खग-कारंडगचक्कवाग-उक्कोस-गरुल-पिंगुल-सुय-बरहिण-मयणसाल-णंदीमुह-णंदमाणग-कोरंग-भिंगारगकोणालग-जीवजीवग-तित्तिर-वट्टग-लावग-कपिंजलग-कवोतग-पारेवग-चडग-ढिंक-कुक्कुडवेसर-मयूरग-चउरग-हयपोंडरीय-करकरग-चीरल्ल-सेण-वायस-विहग-सेण-सिणचास-वगुलिचम्मट्ठिल-विययपक्खी-समुग्गपक्खी खहयर विहाणाकए य एवमाई।
९. कादम्बक-विशेष प्रकार का हंस, बक-बगुला, बलाका-विषकण्ठिका-वकजातीय पक्षीविशेष, सारस, आडासेतीय-आड, कुलल, वंजुल, परिप्लव, कीर-तोता, शकुन-तीतर, दीपिका-एक प्रकार की
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श्रु.१, प्रथम अध्ययन : हिंसा आश्रय
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Sh.1, First Chapter: Violence Aasrava
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