________________
[2] Living beings without samyagdarshan-labdhi (not having the ability of right perception/faith) have different alternative combinations of three ajnanas (kinds of wrong knowledge).
९०. [प्र.१ ] मिच्छादंसणलद्धिया णं भंते ! पुच्छा ?
[ उ. ] तिण्णि अण्णाणाई भयणाए ।
[ २ ] तस्स अलद्धियाणं पंच नाणाई, तिण्णि य अण्णाणाई भयणाए ।
९०. [ प्र. १ ] भगवन् ! मिथ्यादर्शनलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ?
[ उ. ] गौतम ! उनमें तीन अज्ञान भजना से होते हैं ।
[ २ ] मिथ्यादर्शनलब्धिरहित जीवों में पाँच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं।
90. [Q. 1] Bhante ! Are mithyadarshan-labdhi jivas (living beings having attained the ability of false perception/faith) jnani or ajnani?
[Ans.] Gautam! They have different alternative combinations of three ajnanas.
[2] Living beings without mithyadarshan-labdhi (not having attained the ability of false perception/faith) have different alternative combinations of five jnanas (kinds of right knowledge) and three ajnanas.
९२. [ प्र. १ ] चरित्तलद्धिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ?
[ उ. ] गोयमा ! पंच नाणाई भयणाए ।
९१. सम्मामिच्छादंसणलद्धिया अलद्धिया य जहा मिच्छादंसणलद्धी अलद्धी तहेव भाणियव्वं ।
९१. सम्यग्मिथ्यादर्शन (मिश्रदर्शन ) लब्धिप्राप्त जीवों का कथन मिथ्यादर्शनलब्धियुक्त जीवों के समान और सम्यग्मिथ्यादर्शनलब्धिरहित जीवों का कथन मिथ्यादर्शनलब्धिरहित जीवों के समान समझें । 91. Living beings with samyagmithyadarshan-labdhi (having attained the ability of mixed perception/faith) follow the pattern of beings with mithyadarshan-labdhi and those without samyagmithyadarshan-labdhi follow the pattern of beings without mithyadarshan-labdhi.
[२] तस्स अलद्धियाणं मणपज्जवनाणवज्जाइं चत्तारि नाणाई, तिन्नि य अन्नाणाई भयणाए । ९२. [ प्र. १ ] भगवन् ! चारित्रलब्धियुक्त जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ?
[उ.] गौतम ! उनमें पाँच ज्ञान भजना से होते हैं।
[ २ ] चारित्रलब्धिरहित जीवों में मनः पर्यवज्ञान को छोड़कर चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना होते हैं।
अष्टम शतक: द्वितीय उद्देशक
फ्र
attained
(47)
Jain Education International
Eighth Shatak: Second Lesson
நிதிமிதிததமிமிமிமிமிதமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிதிததிமிமிமிமிமிமிமிதமிழழ
For Private & Personal Use Only
- 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5555 5 5 5 5 5 55955555 5 5 55 55555555592
卐
卐
www.jainelibrary.org