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८७. विभंगज्ञान-लब्धि से युक्त जीवों में नियमतः तीन अज्ञान होते हैं और 5 विभंगज्ञान - लब्धिरहित जीवों में पाँच ज्ञान भजना से और दो अज्ञान नियमतः होते हैं।
87. Living beings with vibhang-jnana labdhi have three ajnanas as a rule. Those without vibhang-jnana labdhi have different combinations of five jnanas and two ajnanas as a rule.
८८. [ १ ] दंसणलद्धिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ?
[उ. ] गोयमा ! नाणी वि, अण्णाणी वि। पंच नाणाई, तिण्णि अण्णाणाई भयणाए । [प्र. २] तस्स अलद्धिया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी ?
[ उ. ] गोयमा ! तस्स अलद्धिया नत्थि ।
८८. [ प्र. १ ] भगवन् ! दर्शनलब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ?
[उ. ] गौतम ! वे ज्ञानी भी होते हैं, अज्ञानी भी । उनमें पाँच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना होते हैं।
[Ans.] Gautam ! They are jnani (endowed with right knowledge) as
well as ajnani (ignorant or with wrong knowledge). They have different alternative combinations of five jnanas and three ajnanas.
[प्र. २ ] भगवन् ! दर्शनलब्धिरहित जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ?
[उ. ] गौतम ! दर्शनलब्धिरहित जीव कोई भी नहीं होता ।
88. [Q. 1] Bhante ! Are darshan-labdhi jivas (living beings having 5 attained the ability of perception/faith) jnani or ajnani?
[Q. 2] Bhante ! Are jivas without darshan-labdhi (living beings not having attained the ability of perception/faith) jnani or ajnani?
[Ans.] Gautam ! There is no living being without the ability of perception/faith.
alternative
८९. [१] सम्मदंसणलद्धियाणं पंच नाणाई भयणाए ।
[ २ ] तस्स अलद्धियाणं तिण्णि अण्णाणाइं भयणाए ।
८९. [ १ ] सम्यग्दर्शनलब्धि प्राप्त जीवों में पाँच ज्ञान भजना से होते हैं।
[ २ ] सम्यग्दर्शनलब्धिरहित जीवों में तीन अज्ञान भजना से होते हैं ।
89. [1] Living beings with samyagdarshan-labdhi (having attained the ability of right perception/faith) have different alternative combinations
of five jnanas.
भगवती सूत्र (३)
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Bhagavati Sutra (3)
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