________________
४६. पृथ्वीकायिक से यावत् वनस्पतिकायिक जीव तक ज्ञानी नहीं, अज्ञानी होते हैं। वे नियमतः दो म अज्ञान मति-अज्ञान और श्रुत-अज्ञान वाले होते हैं। त्रसकायिक जीवों का कथन सकायिक जीवों के समान समझना चाहिए।
46. Earth-bodied (prithvikaaya)... and so on up to... plant-bodied (vanaspatikaaya) beings are not jnani (with knowledge) but only ajnani (ignorant or with wrong knowledge). They have as a rule two ajnanas (mati-ajnana and shrut-ajnana). Mobile-bodied beings (traskaayik jivas) follow the pattern of embodied beings (sakaayik).
४७. [प्र. ] अकाइया णं भंते ! जीवा किं नाणी० ? [उ.] जहा सिद्धा। ४७. [प्र. ] भगवन् ! अकायिक (कायारहित) जीव ज्ञानी हैं अथवा अज्ञानी हैं ? [ उ. ] गौतम ! इनके विषय में सिद्धों की तरह जानना चाहिए।
47. [Q.] Bhante ! Are jivas (souls) without body (akaayik) jnani or ajnani ?
[Ans.] Gautam ! They are like Siddhas. चतुर्थ, सूक्ष्म-बादरद्वार FOURTH STATE : SUKSHMA-BAADAR
४८. [प्र. ] सुहुमा णं भंते ! जीवा किं नाणी० ? [उ. ] जहा पुढविकाइया। ४८. [प्र. ] भगवन् ! सूक्ष्म जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? [उ. ] गौतम ! इनके विषय में पृथ्वीकायिक जीवों के समान कथन करना चाहिए।
48. [Q.] Bhante ! Are sukshma jivas (minute living beings) jnani or ajnani?
[Ans.] Gautam ! They follow the pattern of earth-bodied beings. ४९. [प्र. ] बादरा णं भंते ! जीवा किं नाणी० ? [उ. ] जहा सकाइया। ४९. [प्र. ] भगवन् ! बादर जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? [उ. ] गौतम ! इनके विषय में सकायिक जीवों के समान कहना चाहिए।
49. [Q.] Bhante ! Are baadar jivas (gross living beings) jnani or ajnani?
[Ans.) Gautam ! They follow the pattern of embodied beings 5 (sakaayik).
85955555555555555555)))))))))))))))))))))555558
अष्टम शतक : द्वितीय उद्देशक
(25)
Eighth Shatak : Second Lesson
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org