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maximum of six Avalikas (a micro-unit of time). During that period he is 45 a jnani (endowed with right knowledge) due to presence of that right
i perception. The statement about two to four sensed beings having two 卐jnanas (kinds of right knowledge) is in this context only. After this the 5 right perception turns into false and he becomes ajnani. (Vritti, leaf 345) के गति आदि आठ द्वारों की अपेक्षा ज्ञानी-अज्ञानी JNANI-AJNANI IN CONTEXT OF EIGHT STATES * प्रथम, गतिद्वार FIRST STATE : GATI म ३६. [प्र. ] निरयगतिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ?
[उ. ] गोयमा ! नाणी वि, अण्णाणी वि। तिण्णि नाणाई नियमा, तिण्णि अन्नाणाई भयणाए।
३६. [प्र. ] भगवन् ! नरकगति में जाते हुए जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? म [उ. ] गौतम ! वे ज्ञानी भी हैं और अज्ञानी भी हैं। जो ज्ञानी हैं, वे नियमतः तीन ज्ञान वाले हैं और
जो अज्ञानी हैं, वे भजना से तीन अज्ञान वाले हैं। i 36. (Q.) Bhante ! Are jivas (souls) on way to infernal genuses (narak gati) jnani or ajnani ?
[Ans.] Gautam ! They are jnani (endowed with right knowledge) as well as ajnani (ignorant or with wrong knowledge). Those who are jnani are as a rule with three jnanas and those who are ajnani have different alternative combinations of three ajnanas.
३७. [प्र. ] तिरियगतिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अण्णाणी ? _[उ. ] गोयमा ! दो नाणा, दो अन्नाणा नियमा।
३७. [प्र. ] भगवन् ! तिर्यञ्चगति में जाते हुए जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? [उ. ] गौतम ! उनमें नियमतः दो ज्ञान या दो अज्ञान होते हैं।
37. [Q.] Bhante ! Are jivas (souls) on way to animal genuses (tiryanch gati) jnani or ajnani ? 4 [Ans.] Gautam ! They have two jnanas (kinds of right knowledge) and
two ajnanas as a rule. ॐ ३८. [ प्र. ] मणुस्सगतिया णं भंते ! जीवा किं नाणी, अन्नाणी ?
[उ. ] गोयमा ! तिण्णि नाणाई भयणाए, दो अण्णाणाई नियमा। ३८. [प्र. ] भगवन् ! मनुष्यगति में जाते हुए जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी हैं ? [उ. ] गौतम ! उनके भजना (विकल्प) से तीन ज्ञान होते हैं और नियमतः दो अज्ञान होते हैं।
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भगवती सूत्र (३)
(22)
Bhagavati Sutra (3)
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