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___ [उ. ] गोयमा ! नो एगिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे जाव नो चतुरिंदियतिरिक्खजोणिय-5 कम्मासीविसे, पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे।
८. [प्र.] भगवन् ! यदि तिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष है तो क्या एकेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष है अथवा पञ्चेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष है ?
[उ. ] गौतम ! एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष नहीं, है परन्तु पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष है।
8. (Q.) Bhante ! If there are tiryanch-yonik-karma-ashivish (poisonous by action among animals) then are they ekendriya-tiryanch-yonikkarma-ashivish (poisonous by action among one-sensed animals)... and so on up to... panchendriya-tiryanch-yonik-karma-ashivish (poisonous by
action among five-sensed animals)? ॐ [Ans.] Gautam ! There are no ekendriya, dvindriya, trindriya, and $i chaturindriya-tiryanch-yonik-karma-ashivish (poisonous by action
among one, two, three and four-sensed animals) but only panchendriyatiryanch-yonik-karma-ashivish (poisonous by action among five-sensed animals).
९. [प्र. ] जइ पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे किं सम्मुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिय+ कम्मासीविसे, गम्भवक्कंतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे ?
[उ.] एवं जहा वेउब्वियसरीरस्स भेओ जाव पज्जत्तसंखेज्जवासाउयगढभवक्कंतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, नो अपज्जत्तासंखेज्जवासाउय जाव कम्मासीविसे। ॐ ९. [प्र. ] भगवन् ! यदि पञ्चेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष है तो क्या सम्मूर्च्छिम
पंचेन्द्रिय-तिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष है या गर्भज पञ्चेन्द्रिय-तिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष है ? 卐 [उ. ] गौतम ! (प्रज्ञापनासूत्र के इक्कीसवें शरीरपद में) वैक्रियशरीर के सम्बन्ध में जिस प्रकार कहा
है, उसी प्रकार कहना चाहिए यावत् पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुष्य वाला गर्भज कर्मभूमिज ॐ पंचेन्द्रियतिर्यञ्चयोनिक-कर्म-आशीविष होता है; परन्तु अपर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुष्य वाला यावत् + कर्म-आशीविष नहीं होता।
9. (Q.) Bhante ! If there are panchendriya-tiryanch-yonik-karmaashivish (poisonous by action among five-sensed animals) then are they sammurchhim panchendriya-tiryanch-yonik-karma-ashivish (poisonous
by action among five-sensed animals of asexual origin) or garbhaj $ panchendriya-tiryanch-yonik-karma-ashivish (poisonous by action
among five-sensed animals born out of womb) ? ...
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| भगवती सूत्र (३)
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Bhagavati Sutra (3)
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