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आगम व्यवहार
श्रुत व्यवहार
ग्यारह अंगों के ज्ञाता साधु
चौदह पूर्वधर साधु
आलोचन
गीतार्थ
स्व आलोचन
आज्ञा व्यवहार
प्रायश्चित
यश्चित्त पूछने शिष्य को भेजते
गीतार्थ साधु द्वारा प्रायश्चित्त
का प्रावधान एक बार अणेषणीय आहार उपयोग किया तो एकमासखमण का प्रायश्चित्त लो।
तार्थ चार्य
गुरूदेव मेरे से एक बार प्रतिलेखन नहीं हुआ, मैं क्या प्रायश्चित्त लूँ?
वीर सं. 1000 जीत व्यवहार
धारणा व्यवहार
यदि एक बार प्रतिलेखन नहीं हो सका तो हम श्रुत परम्परा से एक उपवास,
का प्रायश्चित्त लेते हैं।
एक बार अणेषणीय आहार उपयोग का प्रायश्चित्त एक उपवास करके करो।
अल्प बुद्धि शिष्य
वीर सं. 2565 जीत व्यवहार
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