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________________ 895)))))))))))5555555555555555)55555555555555555555 95555555555555555555555555555555555558 ॐ नहीं और अनुमोदन करता नहीं, मन से और काया से; ४. या वह स्वयं करता नहीं, दूसरे से करवाता ॥ म नहीं और अनुमोदन करता नहीं, वचन से और काया से। ॐ ५. जब त्रिविध-एकविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं नहीं करता, न दूसरे से करवाता है और न 卐 करते हुए का अनुमोदन करता है, मन से; अथवा ६. स्वयं नहीं करता, दूसरे से नहीं करवाता और करते हुए का अनुमोदन नहीं करता, वचन से; अथवा ७. स्वयं नहीं करता, दूसरे से नहीं खाता और 卐 करते हुए का अनुमोदन नहीं करता है, काया से। ८. जब द्विविध-त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, मन, ॐ वचन और काया से; अथवा ९. स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन, वचन + और काया से; अथवा १०. दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन, वचन है और काया से। ११. जब द्विविध-द्विविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं नहीं करता, दूसरों से करवाता नहीं, मन है और वचन से; अथवा १२. स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, मन और काया से; अथवा १३. ॐ स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, वचन और काया से; अथवा १४. स्वयं करता नहीं, करते है हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन और वचन से; अथवा १५. स्वयं करता नहीं, करते हुए का है म अनुमोदन करता नहीं, मन और काया से; अथवा १६. स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन 卐 करता नहीं, वचन और काया से; अथवा १७. दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन और वचन से, अथवा १८. दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन ॐ और काया से; अथवा १९. दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, वचन और ॐ काया से। २०. जब द्विविध-एकविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, मन + से; अथवा २१. स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, वचन से; अथवा २२. स्वयं करता नहीं, दूसरों से करवाता नहीं, काया से; अथवा २३. स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, ॐ मन से; अथवा २४. स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, वचन से; अथवा २५. स्वयं करता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, काया से; अथवा २६. दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, मन से; अथवा २७. दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन म करता नहीं, वचन से; अथवा २८. दूसरों से करवाता नहीं, करते हुए का अनुमोदन करता नहीं, काया से। म २९. जब एकविध-त्रिविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं करता नहीं, मन, वचन और काया से; अथवा ३०. दूसरों से करवाता नहीं, मन, वचन और काया से; अथवा ३१. करते हुए का अनुमोदन 9 करता नहीं, मन, वचन और काया से।। ३२. जब एकविध-द्विविध प्रतिक्रमण करता है, तब स्वयं करता नहीं, मन और वचन से; अथवा 5 ३३. स्वयं करता नहीं, मन और काया से; अथवा ३४. स्वयं करता नहीं, वचन और काया से; अथवा भगवती सूत्र (३) (108) Bhagavati Sutra (3) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002904
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2008
Total Pages664
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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