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________________ करूँ कराऊँ करूँ कराऊँ करूँ नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं मन से करूँ नहीं मन से वचन से वचन से करूँ कराऊँ नहीं नहीं मन से मन से कराऊँ नहीं अनुमोदूँ नहीं करूँ कराऊँ अनुमोदूँ नहीं नहीं नहीं वचन से संथारा लिये हुये श्रावक दो करण एक योग से प्रत्याख्यान करना कराऊँ करूँ अनुमोदूँ नहीं नहीं नहीं काया से Jain Education International 29439-3929 2028 2 मन से काया से 66 56 56 56 56 565 66 6 मन वचन काया मन वचन से मन मन से मन काया से वचन काया से मन वचन से से वचन काया से से से से से से करूँ अनुमोदूँ करूँ अनुमोदूँ कराऊँ नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं दो करण दो योग से प्रत्याख्यान करना मन से वचन से दो करण तीन योग से प्रत्याख्यान करना करूँ नहीं अनुमोदूँ नहीं करुँ नहीं < मन से काया से वचन से करूँ नहीं वचन से काया से अनुमोदूँ । 租 अनुमोदूँ नहीं मन से तीन करण एक योग से प्रत्याख्यान करना कराऊँ (नही) मन वचन काया से से से कराऊँ अनुमोदन नहीं नहीं तीन करण दो योग से प्रत्याख्यान करना करूँ कराऊँ अनुमोदूँ, नहीं नहीं नहीं काया से अनुमोदूँ कराऊँ वचन से For Private & Personal Use Only मन से कराऊँ अनुमोदूँ नहीं) नहीं कराऊँ तीन करण तीन योग से प्रत्याख्यान करना वचन से कराऊँ नहीं करूँ नहीं वचन से श्रमणभूत प्रतिमा (11वीं प्रतिमा) अनुमोदूँ नहीं काया से अनुमोदें कराऊँ नहीं वचन से काया से अनुमोदूँ नहीं कराऊँ अनुमोदूँ। नहीं 瓶 काया से करूँ कराऊँ अनुमोदूँ नहीं नहीं नहीं काया से 5 www.jainelibrary.org
SR No.002904
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2008
Total Pages664
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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