________________
चिन्तामणि पार्श्वनाथ राजा प्रसेनजित के प्रभावती नाम की एक अत्यन्त रूपवती कन्या है। एक दिन रानकुमारी अपनी सहेलियों के साथ उद्यान में बैठी थी। पास ही लता कुंज में कुछ किन्नटियाँ आपस में बातें कर रहीं थीं
राजकुमार पार्श्व रूप-यौवन और पराक्रम में करोड़ों में एक है। वह
कन्या भाग्यशाली होगी, जिसे पार्श्वकुमार जैसा पति मिलेगा।
कन्नरियों की बातें सुनकर रामकुमारी ने मन ही मन में प्रण कर लिया
ब मैं विवाह करूंगी तो
पार्श्व कुमार से ही (अन्यथा जन्म भर आप कुंवारी रहूँगी।
G
AAM-STRA
With
M
antra
hironment ODAI
अब महाराज को राजकुमारी प्रभावती के प्रण का पता चला तो उन्होंने आपकी सेवा में मुझे भेजने का निश्चय कर लिया। इतने में ही वहाँ कलिंग देश के शासक यवनराज का दूत सन्देश लेकर आया।
महाराज,हमारे राजा यह सम्भव नहीं हैं। प्रभावती ने आपकी पुत्री प्रभावती से YOवाराणसी के युवराज को मन ही मन विवाह करना चाहते हैं। ववरण कर लिया है, इसलिये अब हम
अन्य कुछ सोच भी नहीं सकते.
ICCCCCIDCADR.CO2Oiyo TAITRITI
येत
इस बात से कुपित होकर यवन राज ने हमारे नगर
को घेर लिया है। अब आप हमारी रक्षा कीजिये। 20 For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Jain Education International