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चिन्तामणि पार्श्वनाथ पार्श्व कुमार का लालन-पालन बड़े लाड़ प्यार कुछ बड़े होने पर उन्हें गुरुकुल भेजा गया। जहाँ पर से होने लगा।
अस्त्र-शस्त्र आदि विद्याओं का शिक्षण दिया गया।
युवा होने पर पार्श्व कुमार अत्यन्त सुन्दर लगने लगे। नौ हाथ ऊँचे पार्श्व कुमार जब सफेद घोड़े पर बैठकर नगर में निकलते तो स्त्रियाँ उन्हें देखकर कहने लगती
वह स्त्री परम सौभाग्यशाली ।
होगी जिसके पति कामदेव सीखे अपने राजकुमार होंगे।
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या
एक दिन पार्श्व कुमार अपने पिता राजा अश्व सेन के साथ राज दरबार में बैठे थे। तभी कुशं स्थल नगरी के राजा प्रसेनजित का दूत दरबार में आया। महाराज। हमारे राज्य पर एक गम्भीर
संकट आ गया है। हमें आपकी मदद
की आवश्यकता है।।
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अवश्य! हम आपकी मदद करेंगे आप हमें विस्तार पूर्वक पू री बात बतायें।
गणा
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दूत महाराज को घटना सुनाने लगा
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