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धर्मशास्त्र का इतिहास हैं। सूर्य एवं चन्द्र में प्रत्येक की एक ही राशि स्वगृह है, किन्तु अन्य पांच ग्रहों की दो-दो राशियाँ स्वगृह हैं। देखिए निम्न तालिका
स्वगृह
उच्च राशि
नीच राशि
मेष
सूर्य चन्द्र मंगल बुध बृहस्पति
वृषभ मकर
तुला वृश्चिक कर्कट
सिंह कर्कट मेष एवं वृश्चिक मिथुन एवं कन्या धनु एवं मीन वृषभ एवं तुला मकर एवं कुम्भ
१० अंश
३ अंश २८ अंश १५ अंश
५ अंश २७ अंश २० अंश
१० अंश ३ अंश २८ अंश १५ अंश
५ अंश २७ अंश
कन्या
मीन
मकर
शुक्र
कर्कट मीन तुला
कन्या मेष
शनि
२० अंश
उच्च एवं नीच राशियों के बगल के अंश क्रम से परमोच्च एवं परमनीच के द्योतक हैं। इसकी व्याख्या स्फुजिध्वज के यवनजातक एवं मीनराज के वृद्धयवनजातक में की गयी है। सूर्य को सिंह स्वगृह इसलिए दिया गया कि वह अत्यन्त शक्तिशाली राशि है तथा चन्द्र को शीतलता के कारण जल-राशि कर्कट। सूर्य एवं चन्द्र में प्रत्येक ने अन्य पाँच ग्रहों को शेष राशियों में से एक-एक राशि दी है, यथा कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु एवं मकर सूर्य द्वारा बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति एवं शनि को दी हुई हैं (ये ग्रह दूरी के आधार पर व्यवस्थित हैं) तथा चन्द्र ने उन्हीं पाँचों ग्रहों को मिथुन, वृश्चिक, मेष, मीन एवं कुम्भ में क्रम से एक-एक राशि दी है। टेट्राबिब्लोस (१।१७) ने भी इसी प्रकार की व्याख्या स्वगृहों के विषय में की है और बृ० जा० (१।१३) में निर्णीत उच्च एवं नीच राशियाँ से उसका मेल बैठ जाता है। किन्तु टाल्मी ने परमोच्च एवं परमनीच के अंश नहीं दिये हैं।
___ वह राशि जिसमें उसका स्वामी रहता है, या जिस पर उसके स्वामी की दृष्टि रहती है, या जहाँ बुध या बृहस्पति बैठा रहता है, या जब उस पर उनकी दृष्टि होती है और यदि वह शेष ग्रहों में एक या अधिक ग्रहों से आक्रान्त नहीं रहती, या उस पर किसी की दृष्टि नहीं रहती, तो वह राशि शक्तिशाली (प्रबल) होती है। एक और व्यवस्था है कि वश्चिक राशि यदि सातवें घर में रहती है, तो प्रबल होती है। मानव राशियाँ (मिथुन, कन्या, तुला, धनु का अग्र भाग एवं कुम्भ) लग्न में। जल-राशियाँ (कर्कट, मीन, मकर का अन्तिम भाग) तब प्रबल होती हैं जब वे चौथे घर में रहती हैं तथा चतुष्पद राशियाँ (मेष, वृष, सिंह, धनु का अन्तिम भाग एवं मकर का अग्र भाग) दसवें घर में प्रबल होती हैं। देखिए बृ० जा० (१।१७)।
ग्रहों की स्वाभाविक शक्तिमत्ता निम्न क्रम में है शनि, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, चन्द्र, सूर्य में प्रत्येक आगे वाला ग्रह अपने से पीछे वाले से अपेक्षाकृत अधिक शक्तिशाली होता है। यदि किन्हीं दो या अधिक ग्रहों
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