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नात्र-ज्योतिष का राशि-ज्योतिष में परिणमन - बृ० सं० (१०४।१-५) ने घोषित किया है कि कौन-कौन-से नक्षत्र (२७ में) उस काल के अंग हैं जिसे पुरुष कहा जाता है। यह प्राचीन धारणा का विस्तार मात्र है। ते. ब्रा० (११५।२-७) में आया है-'प्रजापति का हाथ हस्त नक्षत्र, उनका सिर चित्रा, उनका हृदय निष्ट्या (स्वाती), उनकी दोनों जाँघे विशाखा के दो तारे और उनकी प्रतिष्ठा (आश्रय या स्थिरता) अनुराधा है। वास्तव में प्रजापति नक्षत्रों के दलों के रूप में हैं।'
उपर्युक्त बातों से यह स्पष्ट है कि राशि-ज्योतिष के अतिरिक्त नक्षत्र-ज्योतिष का विकास भारत में पूर्णरूपेण पूर्व काल में ही हो चुका था और टाल्मी महोदय केवल राशियों तक ही सीमित थे, उनका नक्षत्रों से सम्बन्ध नहीं के बराबर था।
१२ राशियाँ एक चक्र में पायी जाती हैं ; प्रत्येक राशि २१ नक्षत्रों तक विस्तृत होती है, यथा मेष का विस्तार अश्विनी, भरणी एवं कृत्तिका के एक चौथाई भाग तक होता है, वृषभ का विस्तार कृत्तिका के ३ भाग, पूरे रोहिणी एवं मृगशीर्ष के आधे तक रहता है, आदि-आदि। मेष से लेकर आगे की सभी १२ राशियाँ कालपुरुष के निम्न अंगों से सायुज्य स्थापित करती बतायी गयी हैं-सिर (मेष), मुख (वृषभ), छाती (वक्षस्थल), हृदय, आमाशय, मेखला (कमर),पेट (नाभि एवं गुप्तांगों के मध्य का भाग), गुप्तांग, दोनों जाँघ, दोनों घुटने, दोनों पिंडली, दोनों पाँव । वराह ने जोड़ा है कि 'राशि', 'क्षेत्र', 'गृह', 'ऋक्ष', 'भ' एवं 'भवन' जातक में पर्यायवाची के रूप में प्रयुक्त होते हैं। काल के अंगों से राशियों का सायुज्य ज्योतिष-ग्रन्थों में इसलिए किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति की कुण्डली में कोई दुष्ट ग्रह किसी राशि में रहता है तो व्यक्ति उसी शरीरांग से पीड़ित होता है जो कालपुरुष के किसी अंग की राशि से सम्बन्धित रहता है, किन्तु यदि जन्म के समय कोई शुभ ग्रह किसी राशि में रहता है तो व्यक्ति उससे सम्बन्धित अंग का श्रेय प्राप्त करता है। नीचे हम बारह राशियों के संस्कृत नाम अंग्रेजी एवं लैटिन नामों एवं पर्यायवाचियों के साथ दे रहे हैं।
संस्कृत
पर्याय
अंग्रेजी
लैटिन
मेष अज, छाग, क्रिय
रैम (Ram)
एरीस (Aries) वृषभ | उक्षा, वृष, गो, गोपति, ताउरी या (तदुरु) बुल (Bully
टौरस (Taurus) मिथुन युग्म, नृयुग, जितुम, जुतुम या जित्म ट्विंस (Twins)
जेमिनि (Gemini) कर्क | | कर्की, कर्कट, कुलीर
कैब (Crab)
कैंसर (Cancer) सिंह | हरि, मृगेन्द्र, लेय
ल्वायन (Lion) लियो (Leo) कन्या | अंगना, युवति, कुमारी, प्राथोन (प्राथेन) वर्जिन (Virgin) fait (Virgo) तुला तौलि, घट, वणिज्, तुलाघर, जूक बैलेंस स्केल (Balance Scale)| लित्रा (Libra) वृश्चिक अलि, कीट, कौर्य, कौपि
स्कार्पियन (Scorpion) | स्कार्पियो (Scorpio) धनु । चाप, धन्वी, हयांग, तौक्षिक (तौक्ष) आर्चर (Archer)
afirefour (Sagittarius) मकर मृगास्य, मृग, आकोकेर
गोट (Goat)
कैप्रिकार्नस (Capricornus) कुम्भ घट, कुम्भधर, हृद्रोग
वाटर कैरियर(Water carier)/ एक्वारिअस (Acquarius) मीन | मत्स्य, शष, अनिमिष, इत्थ या (चेत्थ ? ) | फिशेज (Fishes) | पिस्केस (Piscus)
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