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धर्मशास्त्रीय प्रन्थसूची
विष्णुसमुच्चय- अपरार्क, मदनपारिजात ( पृ० २९१)
द्वारा व० ।
विष्णुस्मृति-दे० विष्णुधर्मसूत्र ।
बीरनासिहावलोकन दे० वीरसिंहावलोकन | बीरमित्रोदय --- मित्र मिश्र द्वारा याज्ञवल्क्यस्मृति पर टी० । आचार पर चार भाग । चौखम्भा सीरीज द्वारा मुद्रित । दे० प्रक० १०८ ।
वीरशैवधर्मनिर्णय |
मी सहमित्रोदय - ( संस्कारप्रकरण) राम ज्योतिर्विद्
द्वारा ।
बीरसिहावलोकन - (या विलोकन) तोमरवंश के कमलसिंहात्मज देवशर्मा के पुत्र वीरसिंह राजा द्वारा । इस जन्म में किये गये पापों की शान्ति पर। सं० १४३९ (१३८३ ई०) में प्रणीत । स्टीन ( पृ० १८९) । इ० का ० पाण्डु ० ८५ (१८६९-७० ) की तिथि १५७२ | ऐसा कहा गया है कि यह आयुर्वेद, ज्योतिःशास्त्र एवं धर्मशास्त्र का सक्षेप है। यह गर्ग, गौतम, शालिहोत्र, मनु, व्यास, पुराण पर आधृत है। इसे 'सूर्यारुण' भी कहा गया है ।
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वृद्धहारीतस्मृति - जीवानन्द (भाग १, पृ० १९४ ४०९) एवं आनन्दाश्रम ( पृ० २३६-३५६) द्वारा मुद्रित ।
वृद्धात्रिस्मृति - जीवानन्द (भाग १, पृ० ४७-५९] द्वारा मुद्रित ।
वृद्धिश्राद्ध ।
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वृद्धिश्राद्धदीपिका - उद्धव के पुत्र अनन्तदेव द्वारा । वृद्धिश्राद्धपद्धति --- बनारस में उद्धवद्विवेदी के पुत्र अनन्तदेव द्वारा |
वृद्धिश्राद्धप्रयोग - नारायण भट्ट द्वारा ( प्रयोगरत्न का एक अंश ) ।
वृद्धिश्राद्ध विधि - - करुणाशंकर द्वारा । वृद्धिश्राद्धविनिर्णय ( माध्यन्दिनीय ) उद्धव के पुत्र अनन्तदेव द्वारा। बड़ोदा ( १०४६४ ) । वृन्दावनपद्धति -- वल्लमाचार्य सम्प्रदाय के अनुयायियों के लिए।
वृषभदान ।
वृषभोत्सर्ग ।
वृषोत्सर्गकौमुदी -
-रामकृष्ण द्वारा ।
वृषोत्सर्ग तस्व - रघु० द्वारा। ऋग्वेद, यजुर्वेद एवं साम वेद में प्रत्येक के लिए लिखा ।
वृक्षोद्यापन |
वृत्तरत्नप्रदीपिका-वादशी को उपवास तोड़ने के उचित वृषोत्सर्गपद्धति-- कातीयशाखा से सम्बद्ध; शोनककृत
काल पर । वात्स्य वेदान्तदास द्वारा ।
बृतशतसंग्रह -- ( या वृत्तशतक) मनोरथ के पुत्र एवं भास्कराचार्य के पिता महेश्वर द्वारा । नि० सि० एवं गोविन्दार्णव में व० । ज्योतिष ग्रन्थ लग० ११००-११५० ई० । यागविधि, नक्षत्र विधि, भुवाभिषेक, यात्रा, गोचरविधि, संक्रान्ति, देवप्रतिष्ठा पर ११ प्रकरण। बड़ोदा (सं० ८१७३ ) । बृद्धगौतमसंहिता - जीवानन्द (भाग २, पृ० ४९७
६३८) द्वारा मुद्रित ।
बुद्धपाराशरीसंहिता - (१२ अध्यायों में) दे० वृद्ध वृषोत्सर्गभाष्य -स्टीन ( पृ० १०४ ) !
पराशरसहिता, प्रक० ३५ ।
वृषोत्सर्गविधि - मधुसूदन गोस्वामी द्वारा ।
कही गयी है ।
वृषोत्सर्ग पद्धति - रामेश्वर के पुत्र नारायण द्वारा । वृषोत्सर्गपरिशिष्ट ।
वृषोत्सर्गप्रयोग - ( वाचस्पतिसंग्रह) यजुर्वेद के अनुयायियों के लिए ( बौधायनीय ) ।
बुवोत्सर्गप्रयोग - नागदेव के पुत्र अनन्तभट्ट द्वारा । frequोत्सर्गप्रयोग नाम भी है।
वृषोत्सर्गप्रयोग -- (छन्दोग ) रघु० द्वारा लिखित कहा गया है ।
बुद्धशातातपस्मृति - आनन्दाश्रम ( पृ० २३२-२३५) वृषोत्सर्गादिपद्धति - कात्यायनकृत; ३०७ लोकों में ।
द्वारा मुद्रित ।
बड़ोदा (सं० ९४७०, तिथि सं० १५९२) ।
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