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बायाधिकारक्रम - लक्ष्मीनारायण द्वारा । बाम्यकृत धर्मशास्त्र - (श्राद्ध पर) ड० का ० ( पाण्डु ० सं० २६७, १८८७-९१) प्रयोग पर कुछ पद्य - वचन भी हैं ।
दिव्यसंग्रह --- सदानन्द द्वारा ।
बाम्यपद्धति-बड़ोदा (सं० ८१५६) मृत्यु एवं मृत्यू - दिव्यसहकारिका - दिव्यसिंह द्वारा। उनके कालदीप परान्त के कृत्यों पर ।
एवं श्राद्धदीप का पद्य में संक्षेप ।
बासीवान ।
धर्मशास्त्र का इतिहास
हादिकर्मपद्धति |
दिनकरोयोत - ( या शिवबुमणिदीपिका) नारायणभट्टात्मज रामकृष्ण के पुत्र दिनकर (दिवाकर) द्वारा आरम्भित एवं उनके पुत्र विश्वेश्वर ( गागाभट्ट) द्वारा समाप्त । आचार, आशौच, काल, दान, पूर्त प्रतिष्ठा, प्रायश्चित्त, व्यवहार, वर्ष कृत्य, व्रत, शूद्र, श्राद्ध एवं संस्कार के प्रकरण हैं। विनत्रयनिर्णय - विद्याधीश मुनि कृत । विनत्रयमीमांसा - नारायण द्वारा (माध्व अनुयायियों
के लिए)। विनदीपिका ।
विनभास्कर -- शम्भुनाथ सिद्धान्तवागीश कृत । गृहस्थों आह्निक कृत्यों का संग्रह । लग० १७१५ ई० । दिवस्पतिसंग्रह --- जीमूतवाहन के कालविवेक में व० । दिवोदासप्रकाश-- दिवाकर की कालनिर्णयचन्द्रिका में
१० ।
विवोवासीय - नि० सि०, विधानपारिजात, शुद्धिचन्द्रिका
द्वारा ब० । १५०० ई० के पूर्व । सम्भवतः यह दिवोदासप्रकाश ही है।
विव्यतस्य -- रघुनन्दन कृत । दे० प्रक० १०२ । टी० लघुटीका, मथुरानाथ शुक्ल द्वारा । विध्यतत्व - (या तन्त्रकौमुदी ) देवनाथ द्वारा व० । केवल वैष्णवकृत्य वर्णित हैं। मित्र, नो० (जिल्द ६, पृ० ३२) । पाण्डु० शक सं० १५५१ (१६२९३० ई० ) में उतारी गयी ।
विष्पदीपिका - दामोदर ठक्कुर कृत मुहम्मदशाह के
शासन में संगृहीत । नो० (जिल्द ५, पृ० २८२) । विग्यनिर्णय - दामोदर ठक्कुर कृत संग्रामशाह के
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राज्य में संगृहीत । नो० ( जिल्द ६, पृ० ४० ) । १५७५ ई० के पूर्व । दे० दामोदर कृत 'विवेकदीपक' ।
दिव्यानुष्ठानपद्धति -- रामेश्वर भट्ट के पुत्र नारायण भट्ट द्वारा । दे० प्रक० १०३ । नो० न्यू० (जिल्द ३, पृ० ९२ ) ।
दीक्षातत्व - रघुनन्दन द्वारा । दे० प्रक० १०२ । दीक्षातत्वप्रकाशिका -- रामकिशोर कृत ( कैटलॉग, सं० एवं प्राकृत सी० सं० २२०२) । दीक्षानिर्णय ।
दीपकलिका --- शूलपाणि कृत । याज्ञवल्क्यस्मृति के ऊपर टी० । दे० प्रक० ९५ ।
दीपदान ।
alपदानविधि या कारिका ।
दीपमालिका ।
दीपभाद्ध ।
दीपिका — कतिपय ग्रन्थों के साथ यह नाम संलग्न है, यथा -- कालनिर्णयदीपिका, श्राद्धदीपिका आदि । दीपोत्सवनिर्णय-बड़ोदा (सं० १०६२५, तिथि १७५७
संवत् ) ।
दुर्गभञ्जन -- ( या स्मृतिदुर्गभञ्जन) नवद्वीप के वारेन्द्र ब्राह्मण चन्द्रशेखर शर्मा द्वारा। चार अध्यायों में; तिथि, मास, धार्मिक कृत्यों के अधिकारी (यथा दुर्गापूजा, उपवास) एवं प्रायश्चित्त पर । धर्मसम्बन्धी सन्देहों को दूर करता है। दुर्गातत्व - देखिए दुर्गोत्सवतत्त्व । दुर्गातत्व - राघवभट्ट द्वारा । दुर्गापुरश्चरणपद्धति |
दुर्गाभक्तितरंगिणी -- ( या दुर्गोत्सवपद्धति) मिथिला के
सहदेव की कही गयी है; विद्यापति द्वारा प्रणीत । यह उनका अन्तिम ग्रन्थ है। नरसिंह के पुत्र धोरसिंह एवं उसके भाई भैरवेन्द्र ( यहाँ रूपनारायण, यद्यपि
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